जेल से कृष्ण जी की प्रतिमा को ले जाते भक्त
शाजापुर जिले में जन्माष्टमी पर एक अलग नजारा देखने को मिला। द्वापर युग में जिस तरह वासुदेव अपने पुत्र कृष्ण को कंस के कारावास से नंदलाला के यहां छोड़ने जाते हैं, वैसे ही ठीक जन्माष्टमी के दिन भक्त कारावास से भगवान कृष्ण को मंदिर लेकर पहुंचे।
दरअसल शहर के प्रसिद्ध मां राजराजेश्वरी माता मंदिर और मंगलनाथ मंदिर से 24 अगस्त को एक नाबालिग ने मां राजराजेश्वरी की सोने की नथ और मंगलनाथ मंदिर से सफेद धातु की नग लगी हुई करीब छह इंच की भगवान कृष्ण की मूर्ति चुरा ली थी। कोतवाली थाने में पुलिस ने मामले में पुलिस ने शिवलाल परिहार की रिपोर्ट पर नाबालिग के खिलाफ प्रकरण भी दर्ज किया था। पुलिस ने आरोपी से नथ और मूर्ति भी बरामद कर ली थी। इसके बाद पुलिस की कार्रवाई जारी रही। सारी कागजी कार्रवाई और खानापूर्ति पूरी होने में करीब 15 दिनों का समय लग गया। जन्माष्टमी पर गुरुवार को मंगलनाथ मंदिर समिति के लोग थाने पहुंचे और पुलिस ने जरूरी कार्रवाई पूरी कर दोपहर ठीक 12 बजे प्रतिमा को मंदिर समिति को सौंप दिया। जैसे ही भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा भक्तों को मिली उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। थाने में ही भक्तों ने नंद के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की.. जयकारे लगाए और प्रतिमा ली। इसके बाद वे वाहन से प्रतिमा को मंदिर लेकर आए। जहां पहले से ही प्रभु के लिए झांकी और मंडप की स्थापना की हुई थी। यहां सभी ने प्रभु की पूजा-अर्चना की और विधि-विधान से प्रभु की स्थापना की।