दिल्ली के भक्त की टीम कर रही गर्भग्रह के रूद्र यंत्र व चांदी दीवार की सफाई
विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के दरबार में इन दिनों श्रावण मास की तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। श्रावण मास में लाखों श्रद्धालुओं के मंदिर में आने को लेकर प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है। साथ ही गर्भगृह के रूद्र यंत्र, चांदी द्वार, नंदी द्वार की सफाई का काम भी शुरू हो चुका है। सफाई का यह कार्य 18 जुलाई दोपहर एक बजे से शाम 5 बजे तक किया जाएगा। वैसे तो आप सभी जानते हैं कि बाबा महाकाल के दरबार में प्रत्येक पर्व से पहले गर्भगृह, चांदी द्वार, नंदी द्वार, रूद्र यंत्र, रजत मंडित दीवार के साथ ही बाबा महाकाल के आभूषण छत्र, मुकुट की सफाई होती है। लेकिन, सफाई कौन करता है और कहां से आता है, यह कोई नहीं जानता…
अमर उजाला ने जब इस बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि दिल्ली के रहने वाले बाबा महाकाल के एक श्रद्धालु पिछले 12 वर्षों से हर त्योहार पर महाकाल मंदिर में इस सफाई को करवाते हैं। जो इन दिनों उज्जैन आए हुए हैं और अपनी टीम के साथ सफाई के काम करवा रहे हैं। प्रति वर्ष बाबा महाकाल के गर्भगृह में रूद्र यंत्र, चांदी द्वार के साथ ही बाबा महाकाल के आभूषणों की सफाई करवाने वाले व्यक्ति का नाम सुशील शर्मा है। जो दिल्ली के व्यापारी हैं। इस बारे में सुशील से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ बाबा महाकाल की सेवा करना चाहता हूं, उन्हीं की प्रेरणा से यह कार्य वर्षों से करता आ रहा हूं।
उन्होंने कहा कि बाबा महाकाल की मुझ पर कृपा है। जब तक हो सकेगा मैं इस कार्य को करता रहूंगा। उन्होंने बताया कि वह साल में तीन से चार बार बाबा महाकाल के दरबार में आते हैं। उनकी टीम में करीब छह लोग हैं जो गर्भगृह, चांदी द्वार, नंदी द्वार, रूद्र यंत्र, रजत मंडित दीवार के साथ ही बाबा महाकाल के आभूषण छत्र, मुकुट की सफाई करते हैं। श्रावण मास में बाबा महाकाल की सवारी निकलती है, इसीलिए हम लोग सवारी में निकलने वाली पालकी के साथ ही अन्य सामानों की भी सफाई करते हैं।
ज्ञात रहे कि महाकालेश्वर मंदिर में हर कार्य के लिए टेंडर जारी किए जाते हैं। सुशील शर्मा मंदिर में गर्भगृह और आभूषणों की सफाई के लिए अपनी कंपनी महाकाल रियल स्टेट के नाम पर टेंडर भरते हैं और इसमें हर कार्य को करने की राशि निशुल्क होती है। बताया जाता है कि वर्तमान में भी श्रद्धालु सुशील शर्मा द्वारा तीन वर्षों के लिए सफाई का यह टेंडर भरा गया है और इसी के माध्यम से वे मंदिर में निशुल्क सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।