ब्लड शुगर को चूसकर बाहर निकाल देगा इस फल का पत्ता, आस-पास ही मिल जाएगा

Sugar Apple Leaves Reduced Blood Sugar: आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान के लिए वरदान है. आयुर्वेद में बताए गए इलाज किसी भी बीमारी को जड़ से खत्म करता है और सबसे बड़ी बात इसका साइड इफेक्ट न के बराबर है. दरअसल, आयुर्वेद पद्धति में इलाज हमारे आस-पास ही मौजूद होते हैं. कई बार कुछ चीजें हमारे आस-पास तो होती हैं लेकिन इसके बारे में हमें पता ही नहीं चलता. इसी तरह का एक पौधा है शरीफा. भारत के अधिकांश भागों में शरीफे का पौधा मिल जाएगा. शरीफा जितना खाने में स्वादिष्ट है उतना ही इसका औषधीय गुण भी है. एनसीबीआई के रिसर्च पेपर में दावा किया गया है कि शरीफे के पत्तों में एंटी-डायेबिटक गुण होता है. अगर इसका नियमित सेवन किया जाए तो ब्लड शुगर बहुत कम हो जाता है.

क्या साबित हुई रिसर्च में
एनसीबीआई के मुताबिक पौधे दवाइयों का बहुत बड़ा स्रोत है. कई पौधों से दवाइयां बनाई जाती है. वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च के आधार पर पाया है कि करीब 800 तरह के पौधे में एंटी-डायबेटिक गुण पाया जाता है. इनमें से किसी पौधे की जड़ में एंटी-डायबेटिक गुण पाया जाता है तो किसी पौधे की पत्तियों में एंटी-डायबेटिक गुण मिलता है. वहीं कुछ फलों या पौधे से प्राप्त अन्य चीजों में एंटी-डायबेटिक ड्रग मिल सकता है. रिसर्च में दावा किया गया है कि शरीफा के पत्तों से टाइप 2 डायबिटीज का इलाज किया जा सकता है. अध्ययन में पाया गया कि इन प्लांट्स में एल्कलॉइड्स, ग्लाइकोसाइड्स, गैलेक्टोमैनन गन, पॉलीसेकेराइड्स, पेप्टिडोग्लाइकेन्स, हाइपोग्लाइकेन्स, गुआनिडाइन, स्टेरॉयड, कार्बोहाइड्रेट, ग्लाइकोपेप्टाइड्स, टेरपेनोइड्स, अमीनो एसिड जैसे कंपाउंड हैं जो टाइप 2 डायबिटीज में बहुत फायदेमंद है.

इंसुलिन के लेवल को बढ़ा देता
एनसीबीआई के रिसर्च पेपर के मुताबिक शरीफे के पत्ते में जो एंटी-डायबेटिक गुण पाया जाता है वह सीधे पैंक्रियाज पर असर करता है. दरअसल, पैंक्रियाज से इंसुलिन नाम का हार्मोन रिलीज होता है. यह हार्मोन जब रिलीज होता है तो खून में गए ग्लूकोज को अवशोषित कर लेता है. सीधे शब्दों में कहे तो इंसुलिन ही ग्लूकोज को पचाकर इसे एनर्जी में बदल देता है. रिसर्च के मुताबिक शरीफा का पत्ता प्लाज्मा इंसुलिन के लेवल को बढ़ा देता है. इससे इंसुलिन की सघनता बढ़ जाती है जिसके कारण ज्यादा देर तक इंसुलिन खून में बना रहता है और यह ग्लूकोज को अवशोषित कर इसे एनर्जी में बदल देता है. इस प्रकार यदि शरीफे के पत्ते को सुबह-सुबह चबाया जाए तो दिन भर इंसुलिन की मात्रा बनी रहेगी जिससे खून में ब्लड शुगर का लेवल नहीं बढ़ेगा.

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