टाटा मोटर्स ने सरकार से हाइब्रिड कारों पर टैक्स न घटाने का अनुरोध किया, टोयोटा को झटका

बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों में शामिल Tata Motors ने केंद्र सरकार से हाइब्रिड कारों पर टैक्स में छूट नहीं देने का निवेदन किया है। हाइब्रिड कारों के सेगमेंट की प्रमुख कंपनी Toyota ने हाइब्रिड व्हीकल्स पर टैक्स में कटौती की मांग की थी। टाटा मोटर्स की मौजूदगी इंटरनल कम्बश्चन इंजन (ICE) और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) दोनों सेगमेंट में है।

Reuters की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि टाटा मोटर्स का कहना है कि हाइब्रिड कारों पर टैक्स नहीं घटाना चाहिए क्योंकि ये EV की तुलना में अधिक पॉल्यूशन फैलाती हैं। पेट्रोल इंजन और एक इलेक्ट्रिक मोटर के साथ इलेक्ट्रिक बैटरी पैक का इस्तेमाल करने वाली हाइब्रिड कारों पर देश में 43 प्रतिशत का टैक्स है। इसकी तुलना में पेट्रोल इंजन वाली कारों पर 48 प्रतिशत का टैक्स लगता है। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के तहत EV पर पांच प्रतिशत का टैक्स लागू है।

हाइब्रिड कारों के इंटरनेशनल मार्केट में टोयोटा की बड़ी हिस्सेदारी है। इसने देश में Prius के साथ इस सेगमेंट में शुरुआत की थी। जापान की टोयोटा का दावा है कि पेट्रोल इंजन वाली कारों की तुलना में हाइब्रिड कारों से कार्बन इमिशन कम होता है। पिछले वर्ष के अंत में ट्रेड प्रमोशन एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री ने हेवी इंडस्ट्रीज मिनिस्ट्रीज से हाइब्रिड कारों पर सेस को संतुलित बनाने का निवेदन किया था। हालांकि, टाटा मोटर्स इसके विरोध में है। पिछले कुछ वर्षों में देश में हाइब्रिड कारों की डिमांड बढ़ी है। इस वजह से Maruti Suzuki और Honda जैसी बहुत सी ऑटोमोबाइल कंपनियों ने इस सेगमेंट में अपने मॉडल लॉन्च किए हैं।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि टाटा मोटर्स ने इस मुद्दे पर सरकारी अधिकारियों से मीटिंग की है। इसके साथ ही कंपनी ने ट्रेड प्रमोशन एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री को पत्र लिखकर कहा है कि देश के शहरों में एयर क्वालिटी खराब है। हाइब्रिड कारों को इंसेंटिव देना एनवायरमेंट और इकोनॉमी दोनों के हित में नहीं होगा। देश में इलेक्ट्रिक कारों के सेगमेंट में टाटा मोटर्स का पहला स्थान है। इसका मानना है कि एयर पॉल्यूशन से निपटने और क्रूड ऑयल के इम्पोर्ट पर निर्भरता को घटाने के लिए EV एक बेहतर सॉल्यूशन है। इससे पहले कंपनी ने अमेरिकी EV मेकर Tesla को इलेक्ट्रिक कारों के इम्पोर्ट पर टैक्स में छूट देने का भी विरोध किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!