पूर्व कांग्रेस विधायक सुखेंद्र सिंह बन्ना ने प्रेस वार्ता आयोजित की
53वां जिला बनने के बाद गुरुवार को मऊगंज में पहली प्रेसवार्ता आयोजित हुई। मऊगंज के पूर्व कांग्रेस विधायक सुखेंद्र सिंह बन्ना ने प्रेसवार्ता आयोजित करते हुए बताया की पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की मंशा थी कि मऊगंज जिला बने, लेकिनन कुछ अड़चने आती गई और उनकी यह मंशा पूर्ण नहीं हो पाई। सुखेंद्र सिंह बन्ना ने बताया कि 11 वर्ष पहले मऊगंज को जिला बनाए जाने की मांग को लेकर उन्होंने एक बड़ा जन अंदोलन किया था। इसके बाद लगातार लड़ाई लड़ते हुए उन्होंने पांच बार जेल भरो आंदोलन किए। 2021 में 50 हजार लोगों के साथ गिरफ्तारी दी और आज 11 साल के बाद मऊगंज अब जिला बन गया।
आंदोलनकारियों को प्रशस्ति पत्र देकर करेंगे सम्मानित
मऊगंज के पूर्व विधायक ने मऊगंज की पहली पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि आगामी 22 अगस्त को मऊगंज जिले में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। 2021 में मऊगंज को जिला बनाए जाने की मांग करते हुए जिन 50 हजार आंदोलनकारियों ने अपनी गिरफ्तारी दी थी, उन आंदोलनकारियों को प्रशस्तिपत्र देकर उन्हें सम्मनित किया जाएगा।
जिला बनाने किया था अंदोलन
पूर्व विधायक ने कहा कि 10 वर्ष पूर्व मऊगंज क्षेत्र की जनता उनसे इस लड़ाई को अनवरत जारी रखने के लिए कहने लगी। इसके बाद हमने मऊगंज को जिला बनाए जाने की मांग को लेकर अंदोलन शुरू किया। इसके बाद लगातार पांच बार जेल भरो आन्दोलन किए और पूरी ताकत से इसकी लड़ाई लड़ी। पूर्व विधायक सुखेंद्र सिंह बन्ना ने कहा कि 2021 में उन्होंने क्षेत्र की 50 हजार जनता के साथ एक बड़ा आंदोलन किया था और अपनी गिरफ्तारी दी थी।
शिवराज सरकार को दिया था छह माह का अल्टीमेटम
पूर्व विधायक बन्ना ने कहा कि 50 हजार जनसमूह के साथ अपनी गिरफ्तारी देते हुए उन्होंने मऊगंज को जिला बनाए जाने के लिए सरकार को छह माह का अल्टीमेटम दिया था। अल्टीमेटम देते हुए शिवराज सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर छह महीने के अंदर मऊगंज को जिला बनाए जाने के लिए वह घोषणा नहीं करती तो मऊगंज में हम अपनी सीमा बनाकर जिला बनाए जाने की लड़ाई तगड़े से लड़ेंगे। लेकिन इस दौरान बीच में पंचायती चुनाव आये और फिर उसके चलते छह माह की देरी हुई।
मऊगंज के पूर्व कांग्रेस विधायक सुखेंद्र सिंह बन्ना ने कहा कि 2018 के पहले जब वह मऊगंज क्षेत्र के विधायक हुआ करते थे तब प्रदेश की 230 सीटों के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जन दर्शन यात्रा शुरू हुई थी, इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को मऊगंज विधानसभा भी जनदर्शन यात्रा लेकर पहुंचना था। उस दौरान भी क्षेत्र की जनता और मऊगंज विधायक सुखेंद्र सिंह बन्ना ने तत्कालीन कलेक्टर प्रीती मैथिल के सामने अपनी मांगे रखी और कहा की अगर सीएम शिवराज जनदर्शन यात्रा लेकर मऊगंज आते है तो उन्हें मऊगंज को जिला बनाए जाने की घोषण करनी होगी, इसके बाद तीन बार सीएम शिवराज का कार्यक्रम निरस्त हुआ और वह नही आए.
जिस तरह जिले के लिए लड़े उसी तरह लड़ेंगे विंध्य प्रदेश की लड़ाई
वर्षों से चली आ रही विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर किए गए सवाल पर बन्ना ने कहा कि अब तो मऊगंज जिला बन ही चुका है। स्वाभाविक है कि अब हमें भी कुछ बड़ा काम करने का अवसर चाहिए। हम देख रहे है कि विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर छोटे-मोटे संगठन जुटे हुए हैं, जिस तरह से पूरी ताकत के साथ मऊगंज को जिला बनाए जाने के लिए लड़ाई लड़ी है उसी प्रकार से आज नहीं तो कल उसे भी ले लेंगे। विंध्य प्रदेश तो 1956 का अस्तित्व है और वह हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। विंध्य प्रदेश के हम निवासी है और 1956 के विंध्य प्रदेश में रीवा हमारी राजधानी थी वो तो हमें लेना ही चाहिए।
वर्तमान भाजपा विधायक पर साधा निशाना
पूर्व विधयक सुखेंद्र सिंह बन्ना ने अंत में कहा कि हम कोई मुद्दा उठाते है तो हमारी मांगे 10 साल में पूरी होती है। 2011 में मऊगंज के जनपद प्रांगण से मऊगंज को जिला बनाए जाने की मांग उठाई थी और 10 साल के बाद 2023 में अब मऊगंज जिला बन गया। मऊगंज को जिला बनाए जाने के बाद श्रेय लेने वालों की लगी लंबी कतार वाले सवाल पर बन्ना ने बिना नाम लिए वर्तमान मऊगंज के भाजपा विधायक प्रदीप पटेल पर निशाना साधा। पूर्व विधायक ने कहा कि श्रेय कोई भी लेता रहे हमें नहीं चाहिए। वो तो लोकार्पण करने पहुंच जाते हैं उद्घघाटन करने पहुंच जाते हैं, उन्हें तो मऊगंज में जितने भी यात्री प्रतीक्षालय बने हैं उसका श्रेय लेना चाहिए क्योंकि इन दिनों मऊगंज में यात्री प्रतीक्षालय की भरमार है।