
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता देशभर में लागू है, इसके बावजूद पीएम विश्वकर्मा योजना के आवेदन ऑनलाइन लिए जा रहे है। विश्वकर्मा योजना को लेकर किसी के पास कोई गाइड लाइन नहीं है। शहरी क्षेत्र में ही 25 हजार से ज्यादा फार्म भरवाए जा चुके है। इसके पीछे कियोस्क संचालकों की मनमानी सामने आ रही है। आचार संहिता के चलते पंचायत एवं नगर परिषद में वेरिफिकेशन के लिए फार्म लेना भी बंद कर दिया गया है। इसके बाद भी रोजाना सैकड़ों महिलाएं ऑनलाइन फार्म जमा कर प्रिंट आउट लेकर पहुंच रही हैं।
करीब एक माह पूर्व गरीब महिलाओं को स्वरोजगार के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना 2024 शुरू हुई थी। इसमें महिलाओं को प्रशिक्षण देकर फ्री में सिलाई मशीन के लिए 15 हजार रुपए भी दिए जाने है। योजना सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय के तहत चलाई जा रही है। जिसमें ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे है। योजना का लाभ लेने शहर में ही करीब 25 हजार से अधिक महिलाओं ने ऑनलाइन आवेदन किए है। कई बैंकों ने पीएम विश्वकर्मा के प्रकरणों को रिजेक्ट करना भी शुरू कर दिया है। इसका कारण पूर्व में परिवार के किसी सदस्य द्वारा पीएम स्वनिधि या अन्य योजना का लाभ लेना बताया जा रहा है।
पंचायत एवं परिषद ने बंद किए फार्म जमा करना
आचार संहिता लागू होते ही पंचायत एवं परिषद में पीएम विश्वकर्मा योजना के फार्म जमा करना भी बंद कर दिया है। पंचायत एवं परिषद के जिम्मे योजना के फार्म सत्यापन करने का काम है। पंचायत एवं परिषद द्वारा बोर्ड पर भी सूचना चस्पा कर दी गई है। वहीं, दूसरी ओर पीएम विश्वकर्मा योजना के फार्म ऑनलाइन अब भी भरे जा रहे है। पोर्टल बंद नहीं होने से बड़ी संख्या में महिलाएं रोजाना फार्म भरकर निगम में वेरिफिकेशन के लिए ला रही है। बताया जा रहा है कि ऑनलाइन फार्म जमा करने के लिए कियोस्क संचालक 100 रुपए तक वसूल कर रहे है। महिलाओं को सही जानकारी नहीं दी जा रही है।
योजना को लेकर भी सवाल
योजना के तहत पूरे देश में 50 हजार महिलाओं को लाभ दिया जाना है। योजना में मप्र के कौन से जिले शामिल है, इसकी भी जानकारी किसी के पास नहीं है। योजना में किस तरह से लाभ मिलेगा, पात्रता किस आधार पर रहेगी, इसकी भी कोई सूचना जारी नहीं हुई है। अब जब देशभर में आचार संहिता लागू हो गई है, इसके बाद भी योजना के फार्म जमा कराए जाने पर भी सवाल उठ रहे है।