माखननगर / दीपकशर्मा : विधानसभा की तारीख तय होते ही आर्दश आचार सहिंता लग गई है। किसी भी सरकारी भवन या निजी संपत्ति पर किसी दल या सरकारी योजना का प्रचार प्रसार नही हो सकता है। लेकिन ग्रामीण अंचल पर इसका कोई असर नही दिख रहा है। आचार सहिंता की धज्जियां उड़ रही है। ग्रामीण इलाकों में बने मकानों एवं वेयरहाउसों मे बकायदा दल एवं सरकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार देखने को मिल रहा है।
ऐसा ही एक मामला ग्राम गोरा में भी देखने को मिला जहां करीब 10 से 12 घरों पर राजनीतिक दल का चिन्ह बना हुआ है। जब ग्राम सचिव एवं रोजगार सहायक द्वारा ग्राम के नागरिकों से कई बार आग्रह किया जिसे ग्राम के प्रबुध नागरिकों ने हटाने से मना कर दिया है। चुनाव आयोग ने 72 घंटे का समय दिया था संपत्ति विरूपण करने का लेकिन अभी तक नही किया गया।

ये है चुनाव के नियम
आचार सहिंता लागू होने के बाद केंद्र या राज्य सरकार की नई योजना या और नई घोषणाएं नही हो सकती है।कोई भूमि पूजन और लोकार्पण भी नही हो सकता है।
चुनावी तैयारियों के सरकारी संसाधनों का इस्तमाल नही किया जा सकता।
सरकारी गाड़ी ,बंगला, हवाई जहाज आदि का उपयोग वर्जित होगा।
आचार सहिंता लागू होते ही दीवारों पर लिखें सभी तरह के पार्टी संबंधी नारे व प्रचार सामग्री हटा दी जाती है। होर्डिंग,बैनर व पोस्टर भी हटा दिए जाते है।
राजनीतिक दलों को रैली जुलूस या फिर मीटंग के लिए अनुमति लेना होती है।
धार्मिक स्थलों और प्रतीकों का इस्तमाल चुनाव के दौरान नहीं किया जाएगा।
मतदाताओ को किसी भी तरह से प्रलोभन नही दिया जा सकता है।
नियम तोड़ने पर होती कार्रवाई
आचार सहिंता लागू होते ही सरकारी कर्मचारी चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक निर्वाचन आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं। वह आयोग के दिशा निर्देशों के अनुसार कार्य करते है। चुनाव आयोग द्वारा जारी किये गये निर्देशों का पालन भी तय करते है। अगर कोई इन नियमों का पालन नही करता है अथवा तोड़ता है तो चुनाव आयोग उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है या उसके विरूद्ध एफआईआर दर्ज हो सकती है। दोषी पाए जाने पर उन्हे जेल भी जाना पड़ सकता है।
ग्रामीणों के नाम सूचीबध कर दिए है
इस संबंध में सचिव प्रियंका गौर कहना है कि हमनें ग्रामीणों की सूची बनाकर अधिकारी को सूचित कर दिया है जो संपत्ति विरूपण के कार्य में बाधा डाल रहे है।
आचार सहिंता का पालन सभी को करना
रिटर्निंग अधिकारी सुनील गढ़वाल का कहना है कि आर्दश आचार सहिंता का पालन सभी को करना है अगर ग्रामीण क्षैत्रो में संपत्ति विरूपण का कार्य नही हुआ है तो तुरंत कराया जाएगा।