Mp Election 2023 : चुनाव में किसी भाई ने किया त्याग, किसी भाई ने लिया बलिदान

MP Election 2023

हमें बॉलीवुड की फिल्मों में ही भाईवाद देखने को मिला है ऐसा नही बल्कि मध्य प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव में भी इन दिनों जबरदस्त भाईवाद देखने को मिल रहा है। जी, हां प्रदेश में कुछ सीटें ऐसी हैं। जहां कहीं भाई भाई के कारण पेंच फंसा गया तो कहीं भाई भाई के कारण सीट पर नामों की सहमति बन पाई। एक सीट ऐसी भी है जहां छोटे भाई ने बड़े भाई के लिए हंसते हंसते टिकट का त्याग कर दिया। वहीं दूसरी ओर एक सीट ऐसी है जहां दो भाई विरोधी बनकर आमने सामने हो गए। इस बार के चुनाव में भाई भाई के इस पवित्र रिश्ते को लेकर कई भिन्नताएं देखने को मिल रही हैं। इनमें से कुछ अनुकरणीय हैं तो कुछ हैरान कर देने वाली।

भाई ने मांगा भाई के लिए पद

हम सबसे पहले बात करते हैं भोपाल की दक्षिण पश्चिम सीट की। यहां संजीव सक्सेना कांग्रेस से टिकट की दावेदारी कर रहे थे। 2018 में भी संजीव दावेदार थे और 2023 में भी उनकी दावेदारी थी, लेकिन ना उन्हें 2018 में टिकट मिला ना 2023 में। 2018 में उन्हें यह आश्वासन देकर बैठा दिया गया था कि 2023 के चुनाव में उन्हें निश्चित तौर पर कांग्रेस पार्टी टिकट देगी। लेकिन इस बार भी उनके स्थान पर पीसी शर्मा को टिकट दे दिया गया। ऐसे में संजीव सक्सेना ने समझौते के तौर पर इस बार अपने भाई के लिए भोपाल के कांग्रेस जिला अध्यक्ष का पद ले लिया। उनके छोटे भाई प्रवीण सक्सेना को कांग्रेस का भोपाल शहर का जिला अध्यक्ष बना दिया गया।

बेटे के लिए भाई को किया बेटिकट

दूसरी सीट है भोपाल की उत्तर विधानसभा यहां पर भी भाई-भाई का गणित बैठ रहा था वर्तमान विधायक आरिफ अकील के छोटे भाई आमिर अकील टिकट की दावेदारी कर रहे थे। उन्हें यह पूरा विश्वास था कि उनके बड़े भाई आरिफ अकील इस बार के चुनाव में उत्तर विधानसभा सीट पर उनके स्थान पर उन्हें टिकट दिलवाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ कहानी उल्टी पड़ गई और उनके स्थान पर आरिफ अकील ने अपने बेटे आतिफ अकील को टिकट दिलवा दिया। अमीर एक बार फिर बेटिकट होकर रह गए। यहां बता दें आरिफ अकील बीमारी की चलते चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।

भाई ने किया बड़े भाई के लिए त्याग

भाई भाई के इस रिश्ते की तीसरी कहानी है नरसिंहपुर विधानसभा सीट की। यहां वर्तमान विधायक जालम सिंह पटेल उर्फ़ मुन्ना भैया ने अपने बड़े भाई केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल के लिए अपने टिकट की कुर्बानी दे दी। यह बात खुद प्रह्लाद पटेल अब सार्वजनिक तौर पर जनता को बता रहे हैं। वे अपने छोटे भाई के त्याग, समर्पण, बड़प्पन का गुणगान कर रहे हैं।

भाई भाई बने चुनावी दुश्मन

होशंगाबाद  ऐसी विधानसभा सीट बन गई है जहां दो सगे भाई एक दूसरे की सामने चुनावी मैदान में उतर आए हैं। कांग्रेस प्रत्याशी गिरजाशंकर शर्मा और भाजपा प्रत्याशी सीताशरण शर्मा दोनों सगे भाई हैं। ये दोनों ही भारतीय जनता पार्टी से टिकट मांग रहे थे। लेकिन पार्टी सिर्फ एक को टिकट दे सकती थी। ऐसे में एक भाई ने कांग्रेस का दामन थाम लिया। परिणाम स्वरूप अब दोनों भाई चुनावी मैदान में एक दूसरे के आमने सामने हो गए हैं।

बड़े भाई के बेटे से छोटे भाई की टक्कर

टिमरनी विधानसभा सीट पर भी भाई भाई के रिश्ते की रोचक कहानी निकल कर सामने आ रही है। यहां भी परिस्तिथियाँ कुछ ऐसी बनी हैं कि दो भाई आमने सामने हो गए हैं। यहां से भाजपा उम्मीदवार संजय शाह हैं जबकि कांग्रेस ने संजय के ही बड़े भाई अजय शाह के बेटे को यहां से प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में छोटे भाई संजय और बड़े भाई अजय शाह  के बीच चुनावी टक्कर हो रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This will close in 20 seconds

error: Content is protected !!