Mp Election 2023 : मोदी के ‘पहलवानों’ ने बढ़ाई कांग्रेस की टेंशन, अब चुनाव की तारीखों के एलान के बाद आएगी सूची

MP Election 2023: Congress changed its strategy, now the list will come after announcement of election dates

मध्य प्रदेश भाजपा ने केंद्रीय मंत्री समेत सात सांसदों को चुनाव मैदान में उतारकर कांग्रेस की टेंशन बढ़ा दी है। इसके चलते अब कांग्रेस ने अपनी पूरी रणनीति बदल दी है। कांग्रेस की प्रत्याशियों की सूची अब चुनाव की तारीखों के एलान के बाद नवरात्रि में आने की संभावना है।

भाजपा की तीन सूची में 79 नाम आने के बाद कांग्रेस भी अपने प्रत्याशियों की सूची जारी करने की तैयारी में जुट गई है। इसको लेकर तीन अक्टूबर को दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक बुलाई गई है। इसमें प्रत्याशियों का चयन कर केंद्रीय चुनाव समिति को भेजा जाएगा। भाजपा के केंद्रीय मंत्रियों समेत सात सांसदों को उतारने के बाद कांग्रेस ने अपनी रणनीति बदल दी है।

पार्टी सूत्रों के अनुसार अब भाजपा के दिग्गजों को घेरने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए पार्टी ने अपनी रणनीति में बदलाव करने जा रही है। यही वजह है कि अब प्रत्याशियों की पहली सूची भी पार्टी नवरात्रि में 15 अक्टूबर के बाद जारी करने पर विचार कर रही है। ऐसे में पांच अक्टूबर को जन आक्रोश यात्रा के समाप्त होने के बाद सूची जारी होने की संभावना कम हो गई है। पहली सूची में 100 से अधिक प्रत्याशियों के नाम की घोषणा हो सकती है। इसमें 50 प्रतिशत से अधिक वर्तमान विधायक शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस के वर्तमान में 95 विधायक हैं।

15 से 20 विधायकों के टिकट कटना तय

विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने भी कई सर्वे कराए हैं। केंद्रीय नेतृत्व के साथ ही पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी अपने सर्वे कराए हैं। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह दोनों ने हारी सीटों पर लगातार दौरे किए। उन्होंने हारी सीटों पर अपने जिताऊ उम्मीदवार को लेकर स्थानीय कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया। जिसके आधार पर अपनी रिपोर्ट बनाकर कमेटी के सामने रखी गई है। पार्टी का उम्मीदवार चयन का फॉर्मूला सिर्फ जिताऊ उम्मीदवार रखा गया है। इस बार मौजूदा विधायकों में 15 से 20 विधायकों के टिकट कट सकते हैं।

कांग्रेस का यूथ पर फोकस

कांग्रेस अपनी लिस्ट में युवाओं पर फोकस कर रही है। इस बार चुनाव में कांग्रेस युवाओं को टिकट देगी। साथ ही ज्यादा से ज्यादा जिताऊ महिला उम्मीदवारों को भी मौका दिया जाएगा।

दिग्गज नेताओं का चुनाव लड़ने से इंकार

चुनाव मैदान में उतरे भाजपा के दिग्गजों को चुनौती देने के लिए कांग्रेस भी रणनीति बना रही है, लेकिन कांग्रेस की तरफ से बड़े नेता चुनाव मैदान में उतरने से कतरा रहे हैं। पीसीसी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अभी तक तय नहीं कर पाए हैं कि वह छिंदवाड़ा से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं। हालांकि चर्चा है कि वे चुनाव नहीं लड़ रहे। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी विधानसभा चुनाव के दंगल में उतरने को तैयार नहीं है। उन्होंने 2003 के बाद से कोई विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया भी अपने बेटे विक्रांत भूरिया को चुनाव में उतारना चाहते हैं। इसलिए वे भी चुनाव नहीं लड़ना चाहते। बता दें पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने 2019 में झाबुआ से उपचुनाव जीता था।

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