Madhya Pradesh News: बीपीएस शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामला

BPS teacher recruitment exam paper leak case

बीपीएस शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामला

बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन बीपीएससी द्वारा ली गई शिक्षक भर्ती परीक्षा-3 के पेपर लीक मामले में बिहार की आर्थिक अपराध इकाई ने बड़ी कार्रवाई की थी। एसआईटी की टीम ने पेपर लीक मामले में एक महिला समेत 5 आरोपियों को उज्जैन से 20 अप्रेल को गिरफ्तार किया था। सभी पेपर लीक मामले के बाद से फरार थे।

आर्थिक अपराध इकाई की विशेष टीम उज्जैन से गिरफ्तार एक महिला समेत सभी आरोपियों को लेकर को पटना पहुंची थी। कोर्ट में पेश करने के बाद आरोपियों की ट्रांजिट रिमांड ली गई थी। गिरफ्तार आरोपियों में 28 वर्षीय प्रदीप कुमार, 28 वर्षीय बल्ली उर्फ संदीप कुमार, 26 वर्षीय शिवम कुमार उर्फ डॉक्टर शिवम, 28 वर्षीय तेज प्रकाश के साथ एक महिला सौम्या कुमारी है। सौम्या कुमारी पटना के कंकड़बाग इलाके की रहने वाली है और बाकी नालंदा निवासी हैं। यह सभी पेपर लीक गैंग के मुख्य आरोपी हैं।

पूछताछ में उज्जैन से पकड़ाई महिला सौम्या कुमारी ने पटना पुलिस को बताया कि उसके पास एमबीबीएस की डिग्री है और वह उज्जैन में प्रेक्टिस भी करती थी। इसीलिए उसने गिरोह के चार अन्य साथियों को उज्जैन बुलाकर अपने पास छुपाया था। बीपीएससी पेपर लीक से जुड़ा यह गैंग यूपी, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार जैसे राज्यों में फैला है। पूर्व में यह गिरोह मेडिकल प्रवेश परीक्षा, नीट-यूजी पेपर लीक में शामिल रहा है।

इस गिरोह के द्वारा यूपी और दिल्ली की प्रतियोगी परीक्षाओं के भी पेपर लीक से जुड़े होने की जानकारी सामने आई थी। उज्जैन से पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में इन सारे तारों को जोड़ा जाएगा और अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना तक पहुंचने का प्रयास ईओयू की जांच टीम करेगी। ईओयू के मुताबिक नगरनौसा (नालंदा) का शिव कुमार उर्फ डॉ शिव कुमार उर्फ बिट्टू ने शिक्षक बहाली (टीआरइ-3) प्रश्न पत्र लीक कांड में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। वह कई महत्वपूर्ण सरकारी संस्थानों की प्रतियोगिता परीक्षाओं में प्रश्न पत्र लीक व फर्जीवाड़ा के कांडों को अंजाम देने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का सक्रिय सदस्य रहा है। डॉ शिव 2017 में नीट-यूजी के परीक्षा पत्र लीक कांड का भी अभियुक्त रहा है। इसी वर्ष उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा आयोजित सिपाही भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक कांड में भी इस गिरोह के तार जुड़े हुए पाये गये हैं। इस अंतरराज्जीय गिरोह का नेटवर्क यूपी-बिहार के साथ ही झारखंड, ओडिसा, पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों में भी फैला हुआ है।

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