शरद पवार(फाइल)
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता के प्रयासों में लगे नेताओं को अहम सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि अगर विपक्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ‘विश्वसनीय’ विकल्प के साथ आता है, तो लोग इस पर विचार कर सकते हैं। मंगलवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि मेरी चिंता यह है कि क्या लोगों का (2024) लोकसभा चुनावों के लिए वैसा ही दृष्टिकोण होगा, जैसा राज्यों (विधानसभा चुनावों) के लिए है। इस दौरान उन्होंने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर केंद्र पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नए संसद भवन पर निर्णय राजनीतिक दलों के साथ बातचीत के माध्यम से लिया जा सकता था।
‘विपक्ष को पेश करना होगा विश्वसनीय विकल्प’
वह महाराष्ट्र के औरंगाबाद में महात्मा गांधी मिशन विश्वविद्यालय में सौहार्द बैठक में बोल रहे थे। विपक्षी एकता की कवायद को लेकर एनसीपी सुप्रीमो ने कहा कि यदि विपक्ष एकजुट होकर एक विश्वसनीय विकल्प पेश करता है, तो लोग इस पर विचार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष समझदारी से काम नहीं लेता है, तो वह लोगों से अलग विकल्प के बारे में सोचने की उम्मीद नहीं कर सकता।
कांग्रेस और जदयू सहित तमाम दल विपक्षी एकता बनाने की कवायद में
कांग्रेस और जद (यू) सहित कई विपक्षी दल अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले एकता बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि शासक शांति और संवाद की नीति को स्वीकार करते हैं, तो किसी भी मुद्दे का समाधान निकाला जा सकता है। पवार ने कहा, आज (देश में) स्थिति वास्तव में चिंताजनक है। इस दौरान उन्होंने चंद्रशेखर के प्रधानमंत्री रहने के दौरान बाबरी मस्जिद मुद्दे पर हुए घटनाक्रम का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि तत्कालीन पीएम ने बाबरी मुद्दे पर बातचीत के जरिए रास्ता निकालने के लिए मुझे और भैरों सिंह शेखावत को बुलाया था।