
पीसीसी चीफ कमलनाथ
कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस के घोषणा पत्र में बजरंग दल को प्रतिबंधित करने के वादे को लेकर शुरू हुआ विवाद शांत नहीं हो रहा है। चुनावी राज्यों में बजरंग दल पर सियासत दिन प्रतिदिन जारी है। भाजपा और बजरंग दल कांग्रेस पर हमलावर हैं तो कांग्रेस शासित राज्य बजरंग दल पर पाबंदी करने को लेकर बयान दे रहे हैं। इस बीच, पीसीसी चीफ और पूर्व सीएम कमलनाथ बजरंग दल को बैन करने पर पलट गए है। सिवनी में कमलनाथ ने कहा, मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं, कर्नाटक के चुनावी घोषणा पत्र में बजरंग दल को प्रतिबंधित करने की बात नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि यह बात तो सुप्रीम कोर्ट ने स्वयं कही है कि जो व्यक्ति या संस्था समाज में नफरत या विवाद की स्थिति पैदा करने का प्रयास करे उस पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए। यही बात आम जनता चाहती है। सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने वालों पर सख्त कार्यवाही हो।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कैलाश जोशी के बेटे और पूर्व मंत्री दीपक जोशी के कांग्रेस में शामिल होने पर कमलनाथ ने भाजपा पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि अभी यह ट्रेलर है। नाथ के इस बयान से कयास लगाए जाने लगे हैं कि चुनाव से पहले कुछ बड़ा हो सकता है।
एक करोड़ युवा बेरोजगार
नाथ ने कहा कि देश की तस्वीर किसी से छुपी हुई नहीं है। बाल अपराध में देश में नंबर, दलित और आदिवासियों के खिलाफ होने वाले अत्याचार में देश में नंबर वन है। महिला आत्महत्या में और उत्पीड़न में देश में नंबर वन है। यह मेरे आंकड़े नहीं हैं। नाथ ने कहा कि यह केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए आकंड़े हैं। आज प्रदेश में बेरोजगारी चरम पर है। लगभग एक करोड़ युवा बेरोजगार हैं।