इस फैक्ट्री में हुआ था विस्फोट।
महू के आम्बाचंदन गांव की पटाखा फैक्ट्री में आग लगने की घटना की मजिस्ट्रियल जांच पूरी हो गई है। जांच में पता चला कि फैक्ट्री में बारुद तौलने के लिए बाट उपयोग में लाया जाता था। उसके जमीन पर गिरने से उठी चिंगारी से बारुद में आग लगी थी और फैक्ट्री में विस्फोट हो गया था। इस घटना में तीन लोगों की मौत हो चुकी है। जांच में फैक्ट्री की अन्य खामियों का भी उल्लेख किया गया। इस रिपोर्ट के आधार पर जिम्मेदारों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
इंदौर के समीप महू के आम्बाचंदन गांव में 16 अप्रैल को पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हो गया था। जिसमें तीन कर्मचारी झुलस गए थे। उपचार के दौरान उनकी एमवाय अस्पताल में मौत हो गई। जांच मेें बताया गया कि कर्मचारी रोहित परमानंद, अर्जुन राठौर और उमेश चौहान एक कमरे में काम कर रहे थे।
वे सुतली बम बना रहे थे। कमरे में कच्चे माल के रुप में सुतली,सल्फर, एल्युमिनियम पाउडर और अन्य सामग्री रखी थी। तब तराजू पर रखा बाट जमीन पर गिर पड़ा। इससे चिंगारी उठी और बारुद ने आग पकड़ ली। जांच अधिकारी ने फैक्ट्री मालिक, मजदूर सहित 9 लोगों के बयान लिए थे। अधिकांश ने घटना की वजह यहीं बताई।
भंडार कक्ष में ही पटाखोंं का निर्माण
बाट के गिरने से चिंगारी उठी। कुछ ही पल बाद विस्फोट हुआ और तीनों कर्मचारी उसकी चपेट में आ गए। जांच में पाया गया कि फैक्ट्री में लोहे का कम इस्तेमाल होना चाहिए, लेकिन फैक्ट्री में लोहे के दरवाजे लगे थे। इसके अलावा जहां विस्फोटक सामग्री का भंडारण किया गया था। वही पर पटाखों को सुतली से बांधने का काम भी चल रहा था। घटना के समय फैक्ट्री में 15 किलो विस्फोटक सामग्री रखी हुई थी। फैक्ट्री मालिक का कहना है कि जितनी भंडारण की अनुमति दी जाती है, उतना ही माल फैक्ट्री में था। इंदौर के राऊ क्षेत्र में छह साल पहले आग लग गई थी। तब 9 लोगों की मौत उसमें हो गई थी।