इंदौर में एक दिन में 12 इंच बारिश के बाद भी इंद्र देवता थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। शुक्रवार दोपहर से शनिवार रात तक चले भीषण बारिश के दौर ने देर रात कुछ देर के लिए राहत जरूर दी लेकिन अल सुबह फिर से पानी बरसना शुरू हो गया। घरों-दुकानों में घुसा पानी निकाल रहे लोगों के लिए इससे एक बार फिर से आफत बढ़ गई। सुबह से शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसरा है और लोग अपने घरों में दुबके हुए हैं।
क्या कहता है मौसम विभाग
मौसम विभाग का अनुमान है कि आज बारिश से थोड़ी राहत मिलेगी लेकिन कल से फिर एक और सिस्टम एक्टिव हो सकता है। बंगाल की खाड़ी में बन रहे इस सिस्टम की वजह से एक बार फिर से तेज बारिश हो सकती है।
रातभर चले रेस्क्यू आपरेशन
प्रशासन, पुलिस और एनडीआरएफ की टीमों ने रातभर रेस्क्यू आपरेशन चलाए। शहर की सामाजिक संस्थाएं भी सेवा कार्यों में जुटी रही। बड़ी संख्या में लोगों के घरों में रात में पानी भरा था जिसकी वजह से लोगों को अन्य जगहों पर शिफ्ट किया गया। रातभर रुक रुककर पानी गिरने की वजह से लोगों की परेशानी बढ़ती रही।
बिजली बंद, नाले उफान पर, ड्रेनेज चोक
भारी बारिश की वजह से कई परेशानियां आई। कई क्षेत्रों में बिजली के तार टूटने और खंभे गिरने की वजह से घंटों तक बिजली गायब रही। नदी, नाले उफान पर होने की वजह से इसके आसपास की बस्तियों में लोग घरों में नहीं जा सके। ड्रेनेज चोक हो गए और लोगों के घरों में पानी भरा रहा। बीमार लोगों को अस्पताल की सुविधाएं नहीं मिल सकी और हजारों लोगों को भोजन के लाले पड़ गए। इन सबके बीच प्रशासन, पुलिस और संस्थाएं दिनरात लोगों की मदद के लिए मेहनत करती रहीं।
कांग्रेस ने लगाया अव्यवस्थाओं का आरोप
कांग्रेस ने कहा है कि इस बारिश ने शहर की अव्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी है। संभागीय प्रवक्ता अमित चौरसिया ने कहा कि नाला टेपिंग और सीवरेज व्यवस्था पर 1500 करोड़ से अधिक राशि खर्च कर दी गई है। इसके बावजूद बारिश में शहर जलमग्न हो जाता है। कल से शहर में मूसलाधार पानी गरीबों के लिए आफत बनकर बरस रहा है। पूरा शहर इसलिए परेशान है क्योंकि इस विषय में जिम्मेदार अधिकारी औऱ नेताओं ने कभी वर्कआउट ही नहीं किया।