Narmadapuram:प्रदेश में बीते सत्र खूद शोरशराबे के साथ सीएम राइज स्कूल शुरू किय गए, प्रचार ऐसा किया मानो मध्यप्रदेश की शिक्षा में नई क्रांति आ गई हो, पर हकीकत इससे उलट हो गई। एमपी बोर्ड की कक्षा 10वी और 12वी के रिजल्ट जिले के सभी सीएम राइज स्कूल फिसड्डी साबित हुए। इनसे अच्छा तो सामान्य सरकारी स्कूलों का रिजल्ट रहा। पेरेंट्स बच्चों को स्कूल पढ़ने के लिए भेजते हैं न कि लग्जरी बिल्डिंग देखकर। सीएम राइज स्कूलों में बिल्डिंग का निर्माण चल रहा है और यह बहुत अच्छी बन भी गई, तब भी सवाल यही है कि रिजल्ट में इतने खराब प्रदर्शन के बाद भी क्या कोई अपने बच्चों को सीएम राइज स्कूलों में भेजने में रूचि रखेगा।
क्या हुआ तेरा वादा!
सभी सुविधाओं से लैस इन स्कूलों के भवन निर्माण के लिए करोड़ों खर्च किए जा रहे हैं। दावा ये कि प्राइवेट स्कूलों जैसी सुविधाएं इनमें मिलेंगी। स्वीमिंग पुल, खेल मैदान होंगे। पढ़ाई भी प्राइवेट स्कूलों के तर्ज पर होगी। योग्य शिक्षक इन स्कूलों में पढ़ाएंगे। जाहिर सी बात है कि सीएम राइज स्कूलों के भवन जब बनेंगे, तब बनेंगे, गुणवत्ता कितनी अच्छी होगी यह तो तब ही पता चल सकेगा, पर बोर्ड कक्षाओं के रिजल्ट ने इन स्कूलों की शैक्षणिक व्यवस्था की पोल करके रख दी है।
इन सीएम राइज में 10वी कक्षा में 50 फीसदी बच्चे भी पास नहीं
सीएम राइज स्कूल पचमढ़ी : रिजल्ट 29 प्रतिशत
सीएम राइज स्कूल बनखेड़ी : रिजल्ट 31 प्रतिशत
सीएम राइज स्कूल पिपरिया : रिजल्ट 40 प्रतिशत
सीएम राइज स्कूल सोहागपुर : रिजल्ट 40 प्रतिशत
सीएम राइज स्कूल माखननगर : रिजल्ट 42 प्रतिशत
सीएम राइज स्कूल सिवनीमालवा : रिजल्ट 45 प्रतिशत
इन सीएम राइज में 12वी कक्षा में 50 फीसदी बच्चे भी पास नहीं
सीएम राइज स्कूल माखननगर : रिजल्ट 23 प्रतिशत
सीएम राइज स्कूल सिवनीमालवा : रिजल्ट 24 प्रतिशत
सीएम राइज स्कूल बनखेड़ी : रिजल्ट 39 प्रतिशत
सीएम राइज स्कूल इटारसी : रिजल्ट 43 प्रतिशत
सीएम राइज स्कूल पिपरिया : रिजल्ट 48 प्रतिशत
शर्मनाक : इनसे अच्छे तो सामान्य सरकारी स्कूलों के रिजल्ट
सीएम राइज स्कूलों का यह प्रदर्शन इसलिए भी शर्मनाक है क्योंकि इनसे अच्छा सामान्य सरकारी स्कूलों का रिजल्ट रहा है। कक्षा 10वी के रिजल्ट की बात करें तो नर्मदापुरम जिले में नर्मदापुरम, गोंचीतरोंदा, दंडीवाड़ा, झुंकर, सोमखेड़ा, बर्धा के सरकारी स्कूलों का रिजल्अ 100 प्रतिशत रहा। वहीं तवानगर के दोनो सरकारी स्कूलों का रिजल्ट 12वी कक्षा में 100 फीसदी रहा है। यह हालत तब है जब सीएम राइज स्कूल में नियुक्त शिक्षकों को पहले विभागीय परीक्षा से होकर गुजरना पड़ा था। इन्हें ट्रेनिंग भी दी गई। स्कूल की पढ़ाई डिस्टर्ब न हो इसलिए शासन ने यह तक किया कि सीएम राइज स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों को शैक्षणिक गतिविधियों के अलावा किसी अन्य जिम्मेदारी में नहीं लगाया जाएगा,उसके बाद भी कई शिक्षकों को बीएलओं के कार्य से मुक्त नही किया गया वह अभी भी इस कार्य में लगे हुए है। बावजूद इन सबके बोर्ड परीक्षा 2023 में यह स्कूल कुछ खास कमाल नहीं कर पाए। ऐसे में सवाल खड़े होना लाजमी है।
जिला शिक्षा अधिकारी एसपीएस बिसेन ने देनवापोस्ट को बताया कि 10वी एवं 12 वी के परिणाम को लेकर समीक्षा की जा रही है। सभी स्कलूों से जानकारी मांग कर शासन स्तर पर भेजा जा रहा है। शासन से जो निर्देश प्राप्त होगा उसके अनुसार कार्यवाही की जावेगी।