Narmadapuram : जनपद पर भारी सचिव, 7 महीने से नोटिस का जवाब नहीं दे रहा सचिव, जनपद लाचार होकर कर रही सिर्फ इंतजार

Makhannagar : पंचायती राज सिस्टम में चलती सिर्फ सचिवों की है, यह लाइन ऐसी ही नहीं कही जाती। कहने को तो सचिवों के उपर जनपद होता है, लेकिन यह व्यवस्था सिर्फ कहने के लिए ही है। हकीकत में जनपद से कहीं ज्यादा पावरफुल सचिव होते हैं। इसका अब हम आपको एक उदाहरण बताते हैं। एक मामले में नसीराबाद पंचायत के पूर्व सचिव को जनपद ने 7 महीने पहले नोटिस देकर जवाब मांगा, लेकिन सचिव साहब ने आज तक उसका जवाब देना उचित नहीं समझा। देखा जाए जनपद के पास भी इंतजार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

पहले समझिए पूरा मामला है क्या?

माखननगर जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत नसीराबाद के गांव भटवाड़ी में खेड़ापति मंदिर के पास चबूतरा निर्माण के लिए 13 सितंबर 2018 सचिव विनोद पटेल ने 50980 रूपए की राशी निकाली, लेकिन निर्माण कभी हुआ ही नहीं।

शिकायतों का भी चला दौर

जब इसकी जानकारी जनपद सदस्य सरिता राजीव यादव को लगी तो उन्होंने इसकी शिकायत जनपद सीईओ से की। सात माह पहले नवनिर्वाचित सरपंच उषा सनारे ने भी जनपद सीईओ को एक आवेदन दिया था। जिसमें कार्यवाही के साथ पूर्व सरपंच व सचिव द्वारा निकाली गई राशी जमा करने की बात कही गई थी, लेकिन कहीं कोई कार्यवाही नहीं हुई।

जांच हुई पर कार्रवाई नहीं

जनपद सीईओ संदीप डाबर ने शिकायत मिलने पर जांच तो कराई, लेकिन आज तक कार्यवाही नहीं कर सके। जनपद पंचायत उपयंत्री एचएन तिवारी ने सीईओ के आदेश पर 19 दिंसबर 2022 को जांच की थी, जिसमें शिकायत सही पाई गई। इसके बाद सचिव को नोटिस जारी किया गया। सीईओ संदीप डाबर का कहना है कि सचिव विनोद पटेल से जवाब मांगा है, जवाब आने के बाद कार्यवाही की जाएगी।

सचिव इसलिए होते हैं पावरफुल

पंचायत सचिवों पर आरोप तो कई लगते हैं पर कभी कोई ठोस कार्यवाही नहीं होती है। वजह है ग्रामीणों पर खास पकड़, क्योंकि सभी सरकारी स्कीमों का लाभ ग्रामीणों को इन्हीं पंचायत सचिवों के माध्यम से मिलता है। मध्यप्रदेश में चुनावी साल है, ऐसे में सचिवों की नाराजगी हर किसी पर भारी पड़ सकती है, यही कारण है कि ठोस और जल्दी कार्यवाही से बचा जा रहा है।

अब जरा सचिव की भी सुन लीजिए

सचिव विनोद पटेल ने देनवा पोस्ट से कहा कि मेरे द्वारा राशी पूर्व सरपंच गयाप्रसाद यादव को दे दी गई थी एवं चबूतरा निर्माण की सामग्री भी मौके पर पहुंचा दी गई थी। लेकिन कोरोनाकाल में उनका निधन हो गया। मुझे राजनीतिक द्वेष के चलते इसमें फसाया जा रहा है। इधर जनपद सदस्य सरिता राजीव यादव ने कहा कि वे इस विषय कई बार जनपद सीईओ बात कर चुकी है, फिर भी कार्रवाई नहीं होना समझ से परे है।

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