Damoh News: वैशाख माह शुरू होते ही भगवान जागेश्वरनाथ महादेव के लिए गलंतिका बांधी

As soon as the month of Vaishakh begins Galantika is tied for Lord Jageshwarnath Mahadev

भगवान जागेश्वर नाथ का ठंडे पानी से हो रहा अभिषेक

दमोह समेत बुंदेलखंड के प्रमुख तीर्थ क्षेत्र बांदकपुर में विराजमान भगवान जागेश्वर नाथ महादेव के लिए वैशाख महीना शुरू होते ही गलंतिका (मटके) बांधी गई हैं। 11 मटकों में भरे जल से भगवान का जलाभिषेक हो रहा हैं। बता दें कि जागेश्वर नाथ महादेव को तेरहवें ज्योतिर्लिंग के रूप में भी पूजा जाता है। यह स्वयंभू शिवलिंग है, जिनके दर्शन करने पूरे देश से श्रद्धालु आते हैं।

वैशाख महीने की शुरआत होते ही सुबह से लेकर शाम तक देव श्री जागेश्वर धाम बांदकपुर में भक्तों का तांता लगा रहता है। भगवान को इसी महीने से मिट्टी के मटकों में पानी भरकर उनका जलाभिषेक किया जाता है। जिसे धार्मिक शब्दों में गलंतिका भी कहते हैं। मंदिर के साथ घरों में भी वैसाख महीने लगते ही भगवान शिव के ऊपर पानी का मटका रख दिया जाता है और उसमें छेद कर धागा डाला जाता है। जिसमें से एक एक बूंद पानी शिवलिंग पर गिरता रहता है।

मान्यता है वैशाख महीने में भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाने से शारीरिक कष्ट, बीमारियां और नाना प्रकार के रोग दूर होते हैं। हिंदू ग्रंथों के अनुसार जो भी व्यक्ति वैशाख माह में भगवान भोलेनाथ को जल अर्पण करता है, भगवान उसे रोगों से मुक्ति दिलाते हैं। इसलिए, इस महीने में हर मंदिर में शिवलिंग के ऊपर गलंतिका बांधी जाती है।

हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार वैशाख मास में भीषण गर्मी पड़ती है। जिससे शरीर का तापमान बढ़ जाता है और कई बीमारियों का सामना भी करना पड़ता है। ऐसी ही मान्यता भगवान शिवजी से जुड़ी है। पुराणों के अनुसार समुद्र मंथन में सबसे पहले कालकूट नामक भयंकर विष निकला तो पूरी सृष्टि में कोहराम मच गया, तब भगवान शंकर ने उस विष को पीकर रचा है सृष्टि को बचाया था। मान्यताओं के अनुसार वैशाख मास में महादेव पर विष का असर होने लगता है, उनके शरीर का तापमान बढ़ने लगता है। उस तापमान को नियंत्रित करने के लिए शिवलिंग पर मटकी बांधी जाती है। इससे बूंद-बूंद कर गिरता पानी भगवान शिव को ठंडक देता है।

Print Friendly, PDF & Email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!