भोपाल अरेरा कॉलोनी से लूट की वारदात के तीनों आरोपी
पुलिस आयुक्त हरिनारायणाचारी मिश्र ने बताया कि ई-4 अरेरा कालोनी में रहने वाले सुशील धनवानी का ज्वैलर्स का कारोबार है। बुधवार की शाम को उनकी पत्नी कीर्ति धनवानी (65) घर पर अकेली थी, जबकि पति और परिवार के अन्य सदस्य अपने काम से गए थे। शाम करीब सात बजे तीन नकाबपोश बदमाश उनके घर में घुस गए और चाकू अड़ाकर मोबाइल फोन, जेवरात तथा अलमारी में रखे लाखों रुपए लूटकर भाग निकले। महिला के शोर मचाने पर सामने वाले बंगले पर तैनात चौकीदार ने एक बदमाश को दबोच लिया और उसे पुलिस के हवाले कर दिया। पकड़े गए बदमाश का नाम देवानंद जाधव उर्फ देवा (34) निवासी गौतम नगर झुग्गीबस्ती ई-6 अरेरा कालोनी बताया गया। पूछताछ के दौरान आरोपी ने पहले तो पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया, लेकिन बाद में अपने मौसेरे भाई और बहनोई के साथ मिलकर उक्त घटना को अंजाम देना स्वीकार कर लिया। उसके बाद पुलिस ने उसके मौसेरे भाई धीरज गवई (30) निवासी दरियापुर, अमरावती महाराष्ट्र और बहनोई बाबूलाल मेवाड़ा उर्फ बाबू सिंह (44) निवासी कालापीपल जिला शाजापुर को भी गिरफ्तार कर लिया।
33.60 लाख नकदी समेत कुल 35 लाख का माल बरामद
तीनों बदमाशों के पास से लूटे गए 33.60 लाख रुपए नकदी, 5 सोने के सिक्के, एक वीवो कंपनी का मोबाइल फोन समेत करीब 35 लाख का माल बरामद किया गया है। इसके अलावा घटना में प्रयुक्त पल्सर बाइक, एक मोबाइल फोन और चाकू जब्त किया गया है।
एक सप्ताह तक रैकी करने के बाद दिया घटना को अंजाम
मुख्य आरोपी देवानंद जाधव उर्फ देवा फरियादी के मकान से कुछ दूरी पर साढेÞ दस नंबर पर पान की गुमठी चलाता है, जिसके कारण उसका बंगले के सामने आना-जाना होता है। देवानंद को पता था कि यह मकान ज्वैलर्स कारोबारी का है, जिनके घर पर बड़ी मात्रा में जेवरात और नकदी हो सकती है। इसकी जानकारी उनसे अपने बहनोई बाबूसिंह और मौसेरे भाई धीरज को देते हुए उन्हें भोपाल बुलाया। तीनों ने करीब एक सप्ताह तक ज्वैलर्स के बंगले की रैकी की। बुधवार को जब उन्हें पता चला कि मकान में महिला अकेली हैं, तो उन्होंने वारदात को अंजाम दिया। सामने वाले बंगले के चौकीदार की हिम्मत के चलते मुख्य आरोपी पकड़ा गया, जिसके कारण पूरे मामले का खुलासा हो गया।