नए लोगों से मिलने में आपको भी लगता है डर, सोशल एंजाइटी का हो सकते हैं शिकार

सोशल एंजाइटी से पीड़ित लोगों को बातचीत करने में कठिनाई महसूस होती है.
यह डिसऑर्डर किस वजह से होता है, इसका सटीक कारण पता नहीं चल सका है.

अधिकतर लोगों को नई जगहों पर जाना और वहां के लोगों से मिलना काफी अच्छा लगता है. ऐसा करने से लोग सामाजिक तौर पर मजबूत बनते हैं और उन्हें सोसाइटी के बारे में समझ विकसित होती है. कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें बाहर निकलना और नए लोगों से मिलने में डर लगता है. आमतौर पर कहा जाता है कि शर्मीलेपन की वजह से कुछ लोग ऐसा नहीं करते, लेकिन यह एक डिसऑर्डर हो सकता है. ऐसे ही लक्षण सोशल एंजाइटी (Social Anxiety) के होते हैं. इसे सोशल फोबिया (Social Phobia) भी कहा जाता है. आज आपको बताएंगे कि सोशल एंजाइटी डिसऑर्डर क्या है और इसके क्या लक्षण होते हैं. साथ ही यह भी बताएंगे कि इसकी वजह क्या है और इसका क्या इलाज होता है.

हेल्थलाइन की रिपोर्ट के अनुसार सोशल एंजाइटी को कभी-कभी सामाजिक डर के रूप में जाना जाता है. यह एक प्रकार का एंजाइटी डिसऑर्डर है, जो सामाजिक सेटिंग में चिंता या भय का कारण बनता है. इस परेशानी से जूझ रहे शख्स को लोगों से बात करने, नए लोगों से मिलने और सामाजिक समारोहों में जाने में परेशानी होती है. वे दूसरों के बारे में निर्णय लेने या उनकी छानबीन करने के बारे में चिंतित महसूस कर सकते हैं. वे समझ सकते हैं कि उनका डर तर्कहीन है, लेकिन वे डर को दूर नहीं कर पाते. इससे उन्हें जिंदगी में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और उनकी हेल्थ प्रभावित होती है.

शर्मीलेपन से अलग है सोशल एंजाइटी

अधिकतर लोग सोशल एंजाइटी को शर्मीलापन समझ लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. शर्मीलापन समाजीकरण, स्कूल और काम को कठिन बना सकता है, लेकिन सोशल एंजाइटी की तरह जिंदगी को बाधित नहीं करता है. एंजाइटी डिसऑर्डर दैनिक गतिविधियों को प्रभावित कर सकता है. लोग इसकी वजह से बाजार से जाकर सामान भी खरीदने में डर महसूस करते हैं. एंजाइटी एंड डिप्रेशन एसोसिएशन ऑफ अमेरिका (ADAA) के अनुसार अमेरिका में करीब 1.50 करोड़ वयस्कों को सोशल एंजाइटी डिसऑर्डर की समस्या है. यह किशोरावस्था के दौरान शुरू होने वाली परेशानी है, जो लंबे समय तक चलती है.

सोशल एंजाइटी डिसऑर्डर के लक्षण

इस डिसऑर्डर से जूझ रहे लोग जब समाज में आकर लोगों को सामना करते हैं, तब उन्हें शर्म, जी मिचलाना, पसीना आना, कांपना या हिलना, बोलने में कठिनाई, दिमाग खाली होने जैसी फीलिंग, चक्कर आना या हल्कापन, हार्ट रेट तेज हो जाना आदि लक्षणों का सामना करना पड़ता है. मनोवैज्ञानिक लक्षणों की बात करें, तो ऐसे लोग सामाजिक स्थिति से पहले, उस दौरान और बाद में अत्यधिक चिंता करते हैं. सामाजिक स्थितियों से बचने की कोशिश करते हैं. कुछ शर्मनाक करने का डर सताता है. हर समय अपमानित होने का डर बना रहता है. चिंता के कारण स्कूल या काम छूट जाता है.

पीड़ित 7 चीजें करते हैं अवॉइड

– किसी से सवाल पूछना
– नौकरी का इंटरव्यू देना
– खरीददारी करना
– पब्लिक टॉयलेट यूज करना
– फोन पर बात करना
– पब्लिकली भोजन करना
– अजनबी लोगों से बात करना

किस वजह से हो सकती है सोशल एंजाइटी?

सोशल एंजाइटी का सटीक कारण अभी तक पता नहीं चल सका है. वैज्ञानिकों के अनुसार, शारीरिक, जैविक और आनुवंशिक कारक इस डिसऑर्डर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. न्यूरोट्रांसमीटर सिस्टम के साथ समस्याएं हार्मोन सेरोटोनिन, डोपामाइन और ग्लूटामेट में असंतुलन पैदा कर सकती हैं. ये ब्रेन केमिकल्स मूड को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. इसके अलावा भावनात्मक, शारीरिक या अन्य प्रकार के दुर्व्यवहार, साथियों के साथ नकारात्मक बातचीत, पैरेंटिंग की ओवर कंट्रोलिंग स्टाइल और असुरक्षित अटैचमेंट स्टाइल की वजह से यह समस्या होने का खतरा बढ़ जाता है.

क्या होता है सोशल एंजाइटी का इलाज?

सोशल एंजाइटी डिसऑर्डर का इलाज लक्षणों के आधार पर किया जाता है. कई बार डॉक्टर ऐसे लोगों को साइकोलॉजिस्ट या मेंटल हेल्थ स्पेशलिस्ट के पास भेजते हैं. वे काउंसलिंग थेरेपी और दवाओं के जरिए इस डिसऑर्डर का इलाज करते हैं. एक्सपर्ट मरीज की कंडीशन के अनुसार इलाज करते हैं. आप घर पर योग, ब्रीदिंग एक्सरसाइज, मेडिटेशन, बैलेंस्ड डाइट और अच्छी नींद के जरिए भी इसे कुछ हद तक कंट्रोल कर सकते हैं.

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