देवास की आयशा और आलीराजपुर की आयशा
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संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने मंगलवार को सिविल सेवा 2022 परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है। जिसमे मध्यप्रदेश में UPSC परिणाम को लेकर हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दावा किया जा रहा है कि एक ही रोल नंबर पर दो लड़कियों ने परीक्षा दी, इंटरव्यू दिया और अब दोनों को 184वीं रेंक आई है। किसका दावा कितना सही है, ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा पर दोनों के घर ही जश्न का माहौल है।
मंगलवार को आए परिणाम के बाद आयशा नाम की युवती को 184वीं रैंक मिली है। इसके बाद दो परिवारों में जश्न मनने लगा। एक परिवार देवास का है, जिसमें आयशा फातिमा पिता नजीरुद्दीन को 184वीं रैंक मिली है। दूसरा परिवार आलीराजपुर जिले की आयशा मकरानी पिता सलीमुद्दीन का है, जिसे भी 184वीं रैंक मिली है। दोनों का रोल नंबर एक होने से गफलत भी बनी है। एडमिट कार्ड में एक ही रोल नंबर 7811744 दर्ज है। दोनों को एक ही रोल नंबर जारी होना बड़ा सवाल है। बहरहाल दोनों का ही दावा है कि उन्होंने परीक्षा दी है, इंटरव्यू देने के प्रमाण भी होने का दावा दोनों की तरफ से बराबर किया जा रहा है।
आलीराजपुर की आयशा मकरानी के भाई शाहबाजु्द्दीन मकरानी का दावा है कि उनकी बहन ने काफी मेहनत की थी। मां का सपना था कि बहन आईएएस बने। उसे ही 184वीं रैंक मिली है। हम इसे लेकर कोर्ट भी जाएंगे। वहीं देवास की आयशा फातिमा के पिता नजीरुद्दीन का भी दावा है कि उनकी बेटी का ही सिलेक्शन हुआ है। यूपीएससी ऐसी गलती नहीं कर सकता। मैं रात को दिन मान लूंगा, पर ऐसा होना नहीं मान सकता। मुझे लगता है दूसरी आयशा के साथ कोई गड़बड़ी हुई है। हालांकि जांच के बाद मामला स्पष्ट हो सकेगा, पर अभी दोनों ही परिवार जश्न में डूबे हैं। जानकारों का कहना है कि यूपीएससी जैसी परीक्षा में एक ही रोल नंबर जारी होना असंभव-सा है। हो सकता है एक रोल नंबर फर्जी निकले।