![Ujjain News: महाकाल मंदिर प्रांगण से रातों-रात गायब हुआ प्राचीन पशुपतिनाथ मंदिर, जिम्मेदारों ने साधी चुप्पी Ujjain News: The ancient Pashupatinath temple disappeared overnight from the Mahakal temple premises](https://i0.wp.com/staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/06/03/750x506/mathara-ka-nama-para-sarafa-otal-bca-ha_1685768906.jpeg?resize=414%2C233&ssl=1)
मंदिर के नाम पर सिर्फ ओटला बचा है।
श्री महाकाल महालोक से सप्तऋषियों की मूर्तियां हवा मे उड़ने के बाद अब श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर से प्राचीन पशुपतिनाथ मंदिर गायब हो गया। मंदिर किसने तोड़ा, रातों-रात उसका मलबा कहां गायब हो गया, इन सवालों के जबाव देने वाला कोई नहीं है। बताया जा रहा है कि बुधवार की शाम तक तो जूना महाकाल मंदिर के सामने नंदी प्रतिमा के पीछे यह अति प्राचीन मंदिर था, लेकिन गुरुवार सुबह इसे हटा दिया गया है। इस मंदिर को पशुपतिनाथ के रूप में जाना जाता था, जहां भगवान भोलेनाथ के साथ-साथ मां पार्वती, भगवान श्रीगणेश और नंदी की प्राचीन प्रतिमाएं भी विराजित थीं। लेकिन वर्तमान में अब न तो पशुपतिनाथ मंदिर की छत बची है और ना ही भगवान शिव के साथ लगी अन्य प्रतिमाएं।
रातों रात हटा दी प्रतिमा और तुड़ाई का मटेरियल
बताया जा रहा है कि प्रतिदिन की तरह जब मंदिर में पूजा पाठ करने वाले यहां पहुंचे तो मंदिर को देखकर आश्चर्यचकित रह गए क्योंकि यहां मंदिर के नाम पर सिर्फ एक ओटला ही बचा हुआ था। मंदिर में मां पार्वती, श्रीगणेश और भगवान नंदी की प्रतिमाएं भी गायब थीं। क्षतिग्रस्त ओटले पर सिर्फ भोलेनाथ की मूर्ति विराजित थीं। खास बात तो यह है कि मंदिर तोड़ने का वहां कोई अवशेष भी नहीं था। प्राचीन पिलर, मंदिर की छत, मूर्तियां, आदि कोई भी सामग्री वहां नहीं छोड़ी थी। सभी को रातों रात हटा दिया गया।
प्रबंध समिति का ऐसा भय कि कोई भी विरोध करने को तैयार नहीं
पशुपतिनाथ का मंदिर तोड़े जाने से पंडे-पुजारियों मे तीखा आक्रोश देखा गया, लेकिन मंदिर समिति द्वारा इन दिनों जिस तरह भय का माहौल बनाया जा रहा है, उस कारण कोई भी घटना के विरोध में खुलकर बोलने को तैयार नहीं है।