शिक्षक दिवस विशेष
एक विद्यार्थी के जीवन में एक शिक्षक का वही किरदार होता है, जो एक घड़े के निर्माण में कुम्हार का होता है। शिक्षक विद्यार्थी के भविष्य को सुदृढ़ करने का कार्य करता है। शिक्षक वह दीपक होता है, जो स्वयं जलकर अपने छात्र के जीवन में ज्ञान के प्रकाश को स्थापित करता है। इसीलिए शिक्षक को किसी देश के उज्जवल भविष्य का निर्माता भी कहें तो इसमें कोई संदेह नहीं। सामूहिक रूप से पांच सितंबर के दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐसी ही अनोखी मिसाल पेश की है, सीहोर जिले के भैरूंदा विकास खंड के ग्राम खरसानिया के हाईस्कूल में पदस्थ शिक्षक संतोष धनवारे। धनवारे एक ऐसे समर्पित शिक्षक हैं, जिन्होंने बच्चों में शिक्षा के प्रति रूचिकर वातावरण का निर्माण किया है एवं शिक्षा को खेल के समान आसान बना दिया है। धनवरे ऐसी टीएलएम सहायक शिक्षण सामग्री बनाते हैं, जिसे बच्चों के लिए पढ़ाई आनन्दमयी और आसान हो जाती है। अपनी इन्हीं अनेक प्रतिभाओं के लिए धनवारे अनेक बार राज्य स्तर पर पुरस्कृत हो चुके हैं और यही नहीं बल्कि धनवारे को अपनी इस प्रतिभा के लिए मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश गौरव सम्मान, शत-प्रतिशत परीक्षा परिणामों के लिए मुख्यमंत्री से सम्मान, टीएलएम रत्न से विज्ञान विषय में प्रथम पुरस्कार, कोरोना काल में शिक्षा के लिए किए गए प्रयासों के लिए भारत सरकार द्वारा सराहना एवं अनेक पुरस्कारों से सम्मानित हैं।
धनवारे ने स्वयं के व्यय एवं स्वयं की कलाकारी से शाला के वातावरण को बदला। इसका परिणाम यह हुआ कि प्राइवेट स्कूल के बच्चे सरकारी स्कूल की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। इसके साथ ही बच्चों की पढ़ाई के प्रति रूचि बढ़ी है तथा बेहतर परीक्षा परीणाम देखने को मिले।