एक्सरसाइज करें
जिन लोगों की शारीरिक गतिविधि ज्यादा है, उनकी मानसिक ताकत बेहतर बनी रहने की संभावना भी अधिक होती है. नियमित तौर पर की जाने वाली फिजिकल एक्टिविटी फ्लेकसबिलिटी, स्ट्रेंथ, एनर्जी और मूड में सुधार करने में मदद कर सकती है. रिसर्च के अनुसार एक्सरसाइज अल्जाइमर की बीमारी का खतरा भी कम कर सकती है. अगर आपके पास व्यायाम के लिए समय नहीं है, तो दिन भर में कम से कम 10 मिनट पैदल चलने की कोशिश करें.
सिर को प्रोटेक्ट करें
दिमाग पर लगने वाली चोट का असर लंबे समय तक रहता है. ब्रेन इंजूरी का व्यक्ति के जीवन पर लंबे समय तक प्रभाव पड़ सकता है. दिमाग की चोट आपके सोचने-समझने की शक्ति, याददाश्त, बोलने और इमोशन जैसी चीजों को इफेक्ट करती है. ऐसे में जरूरी है कि बाइक, साइकल, घुड़सवारी और स्कीइंग जैसी एक्टिविटीज के दौरान हेलमेट जरूर पहनें.
अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें
कुछ मेडिकल कंडीशन सोचने-समझने और याद करने जैसी प्रॉबलम्स का खतरा बढ़ा सकती हैं. इसके साथ ही आपको स्ट्रोक होने का रिस्क भी बना रहता है, जो मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है. इन स्थितियों में से सबसे सामान्य डायबिटीज़, हृदय रोग और उच्च रक्तचाप हैं. अगर आप इनमें से किसी भी प्रॉबलम से गुजर रहे हैं तो अपने डॉक्टर्स या हेल्थ प्रोफेशनल को बताएं और उनके दिए निर्देशों का पालन करें.
दोस्तों से मिलें
यदि आप दोस्तों के साथ बाहर जाने या अपने प्रियजनों को घर बुलाने में झिझकते हैं, तो ऐसा न करें, बल्कि इनके साथ समय बिताएं. दरअसल सामाजिक अलगाव और अकेलापन सोचने की क्षमता को बाधित करता है और एल्जाइमर रोग के रिस्क को बढ़ा सकता है, जो मेमोरी लॉस की वजह बन सकते हैं. ऐसे में जरूरी है कि सोशल रहें और दोस्तों और प्रियजनों के साथ समय बिताएं. क्योंकि सामाजिक होना डिप्रेशन और तनाव को दूर करने में मदद करता है.
अच्छी-गहरी नींद लें
दिमाग की सेहत को दुरुस्त रखने के लिए अच्छी और गहरी नींद लेना भी जरूरी है. वयस्कों के लिए रात में 7 से 9 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए. रात की अच्छी नींद ब्रेन फंगक्शन और मेमोरी को बेहतर बनाने में मदद करती है. जिसके चलते डिप्रेशन और स्ट्रेस कम होता है और आप अपने रोजाना के कामों को आसानी से निपटा सकते हैं.