Sidhi Lok Sabha Seat: कभी थी कांग्रेस का गढ़, अब इस पर बीजेपी का कब्जा, लगाई हैट्रिक

Sidhi Lok Sabha seat: It was a stronghold of Congress but now it is occupied by BJP, has scored a hat-trick of

लोकसभा चुनाव

प्रदेश के विंध्य क्षेत्र की सीधी लोकसभा सीट पर कभी किसी एक पार्टी का वर्चस्व नहीं रहा, लेकिन 2009 से लगातार तीन चुनाव जीत कर भाजपा हैट्रिक बना चुकी है। सीधी लोकसभा सीट पर 1962 से अब तक 16 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। इसमें 7-7 बार भाजपा और कांग्रेस में बराबरी का मुकाबला रहा। यहां 1971 से 1979 एक बार निर्दलीय और एक अन्य जनता पार्टी के उम्मीदवार ने चुनाव जीता। इस सीट पर शुरुआत में भाजपा और कांग्रेस दोनों के उम्मीदवार जीते, लेकिन पिछले तीन बार से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है। इस सीट पर कांग्रेस के कई दिग्गज अपनी किस्मत आजमा चुके हैं, लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा। अब लोकसभा चुनाव 2024 का चुनाव जीत कर भाजपा की नजर अपनी जीत का सिलसिला आगे बढ़ाने पर होगा तो कांग्रेस यहां पर अपनी वापसी करने की आस में है।

इस सीट पर चार उम्मीदवार दोहरा पाए जीत

सीधी लोकसभा सीट पर अब तक चार उम्मीदवार जीत दोहरा पाए हैं। इसमें कांग्रेस के मोतीलाल सिंह, भाजपा के जगन्नाथ सिंह, चंद्रप्रताप सिंह बाबा और रीति पाठक हैं। रीति पाठक को भाजपा ने विधानसभा चुनाव में सीधी विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया, चुनाव जीतने के बाद उन्होंने लोकसभा की सदस्यता छोड़ दी।

2019 में रीति पाठक ने अजय सिंह को हराया

लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा की रीति पाठक ने कांग्रेस प्रत्याशी अजय सिंह को 2.86 लाख मतों से हराया था। रीति पाठक को 698,342 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी अजय सिंह को 4,11,818 मत प्राप्त हुए थे। इस सीट पर करीब 18,45,547 मतदाता हैं। इसमें 9,66,579 पुरुष और 8,78,948 महिला मतदाता हैं।

आठ विधानसभा सीटों में से सात पर भाजपा का कब्जा

सीधी लोकसभा क्षेत्र में तीन जिलों के आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इसमें सीधी जिले की चार— सीधी, चुरहट, सिंहावल और धौहनी हैं। इसमें से चुरहट सीट कांग्रेस के कब्जे में है। सिंगरौली जिले की तीन विधानसभा सीटें— सिंगरौली, चितरंगी, देवसर तीनों पर भाजपा का कब्जा है। वहीं, शहडोल जिले की एक सीट ब्यौहारी भी सीधी संसदीय क्षेत्र में आती है। यह सीट भी भाजपा के कब्जे में है।

आदिवासी वोटर निर्णायक भूमिका में

सीधी लोकसभा सीट पर आदिवासी और अन्य पिछड़ा वर्ग के वोटर निर्णायक भूमिका में हैं। यहां की आठ में से तीन सीट ब्यौहारी, चितरंगी और धौहनी अनुसूचित जनजाति व देवसर सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। बाकी सीटों पर आदिवासी वोटरों की अच्छी खासी संख्या है। इसके बाद अन्य पिछड़ा वर्ग के वोटरों की संख्या है। हालांकि, सीधी सीट पर ब्राह्मण और ठाकुरों का दबदबा है।

क्या हैं चुनाव के मुद्दे

इस बार चुनाव में भाजपा विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है। राम मंदिर के मुद्दे से भाजपा को सबसे ज्यादा उम्मीद है। वहीं, कांग्रेस सिंगरौली में पावर प्लांट होने के बाद युवाओं को रोजगार नहीं मिलने, रेल सुविधाओं का अभाव, महंगाई, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी जैसे मुद्दों को लेकर चुनाव में जा रही है।

कौन है भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवार

सीधी लोकसभा सीट पर भाजपा ने राजेश मिश्रा और कांग्रेस ने कमलेश्वर पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है। राजेश मिश्रा बसपा से सीधी सीट पर विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि, उनको सफलता नहीं मिली। 2009 में भाजपा में शामिल होकर पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। वे विधानसभा चुनाव में टिकट मांग रहे थे, लेकिन उनको टिकट नहीं मिला। वहीं, कांग्रेस के प्रत्याशी कमलेश्वर 2013 में सिंहावल विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने। इसके बाद 2018 में दोबारा चुनाव जीते। वे कांग्रेस सरकार में मंत्री भी थे। 2023 में वे विधानसभा चुनाव हार गए थे। पटेल कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य हैं। वे ओबीसी वर्ग से आते हैं। एक बार फिर पार्टी ने उन पर भरोसा कर चुनाव में उतारा है।

जानें कब कौन किसी पार्टी से जीता

रीति पाठक- 2019- भाजपा

रीति पाठक- 2014- भाजपा

गोविंद मिश्रा- 2009- भाजपा

मानिक सिंह- 2007 (उपचुनाव)-कांग्रेस

चंद्रप्रताप सिंह बाबा- 2004 और 1999-भाजपा

तिलकराज सिंह- 1996-कांग्रेस

जगन्नाथ सिंह- 1989, 1998-भाजपा

मोतीलाल सिंह- 1980, 1984, 1991- कांग्रेस

सूर्य नारायण सिंह- 1977- भारतीय लोकदल

राव रणबहादुर सिंह- 1971-निर्दलीय

भानू प्रकाश सिंह- 1967-कांग्रेस

आनंद चंद्र जोशी – 1962-कांग्रेस

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