![Sehore News: राजस्थान के लाल पत्थरों से संवरेगी प्राचीन जगदीश मंदिर की सूरत, कलाकार कर रहे आकर्षक नक्काशी Sehore News The face of ancient Jagdish temple will be beautified with red stones of Rajasthan](https://i0.wp.com/staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/11/28/mp-news_1701189686.jpeg?resize=414%2C233&ssl=1)
कलाकार कर रहे आकर्षक नक्काशी
सीहोर शहर के मध्य छावनी के प्राचीन जगदीश मंदिर में भव्य गेट के निर्माण का कार्य जारी है। राजस्थान के लाल पत्थरों से वहीं के कलाकारों द्वारा आकर्षक नक्काशी का कार्य किया जा रहा है। इस मौके पर मंगलवार दोपहर में परमार समाज के वरिष्ठ पदाधिकारी तुलसीराम पटेल ने कार्य का जायजा लिया। इस मौके पर मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष मुकेश परमार, मुरली निवासी शिव परमार, रोलूखेड़ी निवासी विष्णु परमार सहित मंदिर के पुजारी पंडित रोहित व्यास सहित अन्य मौजूद रहे।
इस संबंध में जानकारी देते हुए परमार समाज के पूर्व अध्यक्ष तुलसीराम पटेल ने बताया कि शहर के मध्य आने वाले प्राचीन जगदीश मंदिर के करीब 18 फीट ऊंचाई वाले इस भव्य का निर्माण कार्य तेजी से जारी है। आगामी दिसंबर महीने में करीब 10 लाख से अधिक लागत वाले इस भव्य द्वार का निर्माण पूर्ण करा लिया जाएगा। लाल पत्थर पर कलाकारों द्वारा बनाई आकृति वाले पत्थरों को लगाकर आकर्षक बनाया जाएगा। इसके अलावा मंदिर परिसर में मैदान का समतलीकरण सहित अन्य की व्यवस्था की जा रही है। भगवान जगदीश स्वामी की रथ यात्रा 1961 में मंदिर के जीर्णोद्धार के साथ शुरू की थी, जो आज तक जारी है।
यह मंदिर परमार समाज की एकता और आस्था का प्रतीक है। विषम परिस्थितियों में भी यात्रा कभी रूकी नहीं है। परमार समाज के प्रयासों से मंदिर की भव्यता में विस्तार हो रहा है। गत दिनों भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के द्वारा मंदिर में वृद्वावन की तर्ज पर ऐतिहासिक महारास लीला का आयोजन किया जाएगा। इसको लेकर आप लोग व्यवस्था बनाए, बाकी काम भगवान पूरा करेगा। इस ऐतिहासिक महारास लीला में वृद्वावन के बड़े-बड़े कलाकारों को लाने आदि की व्यवस्था की जाएगी।
मंदिर में भगवान श्रीराम, हनुमान जी, माता रानी का दरबार, भगवान शिव के परिवार के अलावा भगवान जगदीश स्वयं अपने परिवार के साथ विराजमान हैं, जिससे क्षेत्रवासी यहां पर बड़ी संख्या में दर्शन के लिए आते हैं। इसके अलावा यहां पर प्रत्येक मंगलवार को आस-पास के मानस मंडलों के द्वारा सुंदरकांड का आयोजन किया जा रहा है। वहीं, समाज के द्वारा अनेक धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी मंदिर परिसर में किया जा रहा है।