पिता ने बताया कि दूसरे दिन दिनांक 16 अक्टूबर को 11 बजे दिन को थाना निशातपुरा से मेरे पति के पास फोन आया कि आपकी स्कूटी पीपुल्स माल के पास में जली अवस्था में मिली है फिर हमने थाना कोलार में बच्ची शिखा के गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बाद में हमें लड़की शिखा का शव बुधनी के जंगल में मिलने की सूचना प्राप्त हुई। जांच के दौरान मृतका के पिता शारदा प्रसाद पासवान ने मृतका के शव की पहचान अपनी पुत्री शिखा पासवान (24) निवासी राजहंस कालोनी सस्ता भंडार के पास कोलार भोपाल के रूप में की थी। इसके बाद मृतका के शव का पीएम बुधनी अस्पताल में कराया जाकर शार्ट पीएम रिपोर्ट प्राप्त की गई। जिसमें डॉक्टर शुभम गौतम ने मृतका शिखा पासवान की मौत धारदार हथियार से आई विभिन्न चोटों के कारण खून ज्यादा बह जाने से होना लेख किया गया।
जांच के उपरांत मृतका शिखा को किसी अज्ञात व्यक्ति ने 15 अक्टूबर 2021 के शाम 6.30 बजे से दिनांक 17 अक्टूबर 21 के 14.50 बजे के बीच धारदार हथियार से मारपीट कर उसके पेट में बाएं तरफ, गले, सिर, सीने व शरीर के विभिन्न अंगों में चोट पहुंचाना और उसकी मौत होना सामने आया था। मामले में आरोपी एनएच 69 रोड किनारे झरने के पास मिडघाट सेक्शन बुधनी में झाडिय़ों में शव फेंककर चला गया था। पुलिस अनुसंधान पश्चात अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
प्रकरण को शासन स्तर पर जघन्य एवं सनसनीखेज श्रेणी में रखा गया था। डीपीओ अनिल बादल के निर्देशन में अभियोजन का संचालन विशेष लोक अभियोजक पंकज रघवुंशी ने किया गया। न्यायालय द्वारा अभियोजन द्वारा प्रस्तुत मौखिक व दस्तावेजी साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुए मृतका के पति आरोपी रजत कैथवास को दोषी पाते हुए धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं धारा 201 भादवि में 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं कुल आठ हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया।