Satpura Bhawan Fire: चार मंजिल खाक; दमकल के 30 वाहनों-वायुसेना की मदद से पाया गया काबू

 

Satpura Bhawan Fire: Fire in Satpura Bhawan of Bhopal brought under control

भवन में लगी आग।
– फोटो : Social media

 

राजधानी में मंत्रालय के सामने स्थित प्रदेश सरकार के दर्जनों विभागों वाले सतपुड़ा भवन में सोमवार शाम चार बजे के बाद भीषण आग लग गई। आग सतपुड़ा भवन के तीसरी मंजिल पर स्थित अनुसूचित जनजाति विभाग के आदिम जाति क्षेत्रीय विकास परियोजना के कार्यालय से शुरू हुई। जानकारी के अनुसार आग एक एसी के कंप्रेशर के फटने से शुरू हुई, लेकिन बहुत तेजी से तीसरी मंजिल स्थित अजजा के कार्यालय को अपनी चपेट में ले लिया। जब आग लगी, तेज हवा चल रही थी, जिसकी कारण आग बहुत तेजी से तीसरी मंजिल को चपेट में लेने के बाद चौथी, पांचवीं और छठवीं मंजिल को भी अपनी चपेट में लिया है। भीषण आग से सतपुड़ा भवन के तीसरी, चौथी, पांचवीं और छठवीं मंजिल में स्थित अजजा के साथ परिवहन और स्वास्थ्य संचालय के कार्यालय पूरी तरह से जलकर खाक हो गए हैं। 

सतपुड़ा भवन के हर मंजिल पर भारी मात्रा में लकड़ी के बने पुराने फर्नीचर और अनुपयोगी दस्तावेज भी रखे हुए थे, जिसके कारण आग बहुत तेजी से फैलती चली गई। बहुमंजिला इमारत होने के कारण शुरुआत में सतपुड़ा भवन में आग बुझाने के प्रयास पूरी तरह से नाकाफी साबित हुए। इसके बाद नगर निगम और पुलिस की दमकालें ने आब बुझाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक आब चौथी, पांचवीं मंजिल को भी अपनी चपेट में ले लिया।

एसी कंप्रेशर से भीषण रूप ले लिया

 

सतपुड़ा भवन में करीब डेढ़ दर्जन विभागों के संचालनालय और कार्यालय हैं। हर कार्यालय में एसी लगा हुआ है। आग भड़कने के बाद एसी के कंप्रेशर में प्रेशर से ब्लॉस्ट होते गए और आग विकराल रूप लेती चली गई। आग बुझाने के लिए सीढ़ियों के सहारे ऊपरी मंजिल तक नहीं पहुंचा जा सका, जिससे और समय लगा। आग के विकराल रूप लेने के बाद भेल, एयरपोर्ट, आईओसीएल, बीपीसीएल के साथ मंडीदीप स्थित फैक्ट्रियों, औबेदुल्लागंज के पास स्थित वर्धमान फैक्ट्री, रायसेन, विदिशा और इंदौर से बहुमंजिला भवनों में आग बुझाने वाली दो दमकलों को बुलाया गया।

आग नहीं बुझी तब सेना की मदद मांगी

 

रात में आब काबू में नहीं आने की स्थिति में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात की और सेना की मदद मांगी। इसके बाद भोपाल से सेना के अधिकारी दमकल के साथ सतपुड़ा भवन पहुंचे और मोर्चा संभाला। देर रात वायुसेना के अधिकारी भी सतपुड़ा भवन पहुंच चुके हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात की, इसके बाद वायुसेना के मुख्यमंत्री चौहान ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात की। इसके बाद वायुसेना के एएन-32 विमान और एमआई-15 हेलीकाप्टर आग बुझाने के लिए दिल्ली से भोपाल भेजने का निर्णय लिया गया। देर रात एक बजे तक विमान भोपाल नहीं पहुंचे थे। वायुसेना के विमान और हेलीकॉप्टर ऊपर से पानी फेंककर आग बुझाने का प्रयास करेंगे। वायुसेना के विमानों के आने के कारण भोपाल एयरपोर्ट रात भर खुला रहेगा। 

प्रधानमंत्री और शाह को दी जानकारी

 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सतपुड़ा भवन में लगी विकराल आग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात की है। दोनों नेताओं को आग बुझाने के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी देने के साथ किए जाने वाले प्रयासों को बताया। दोनों नेताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को आगजनी की इस घटना को लेकर हर संभवव मदद करने का आश्वासन दिया है। 

 

एसीएस-पीएस की समिति करेगी जांच

 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगजनी की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित कर दी है। यह समिति आग लगने के प्रारंभिक कारणों की रिपोर्ट मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को सौंपेगी। जांच समिति में एसीएस गृह डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग सुखबीर सिंह और एडीजी अग्निशमन आशुतोष राय को शामिल किया गया है। 

गृह मंत्री पहुंचे मौके पर

 

देर रात गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा मुख्यमंत्री निवास पहुंचे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर वे देर रात सतपुड़ा भवन पहुंचे और आग बुझाने किए जा रहे प्रयासों को देखा। मौके पर मंत्री विश्वास सारंग और भोपाल महापौर मालती राय व अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।

एसी के कंप्रेशर फटते गए और आग धधकती गई

 

देर रात तक जो जानकारी निकलकर सामने आई है उसके अनुसार आग एसी के कंप्रेशर फटने से शुरू हुई और एक के बाए एक करीब 30 एसी के कंप्रेशर फटते चले गए और आब विकराल रूप लेती है। 

रह-रह कर भड़कती रही आग

 

आग बुझाने के लिए आधा सैकड़ा दमकलों को लगाया गया था, सेना के जवानों के साथ सीआईएसएफ, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवानों को भी आग बुझाने में लगाया गया था, पूरे सतपुड़ा भवन के कार्यालयों में अंदर कम्प्यूटर, प्रिंटर, एसी, फ्रीज, फर्नीचर और भारी मात्रा में कागज, फाइलें रखे होने से आग बुझती और फिर कुछ देर बाद भड़क उठती। जहां से आग बुझाकर बचावकर्मी आगे बढ़ते कुछ देर में फिर वहां आग सुलगने लगती। कार्यालयों में दीवारों पर भी लड़की और प्लॉईवुड का कार्य हुआ है, जिस कारण भी आग बुझाने में परेशानी आ रही है।

सरकार ने कहा स्थापना की फाइलें जलीं, खरीदी की नहीं

 

देर रात राज्य सरकार ने स्पष्ट किया कि आग लगने से सतपुड़ा भवन का तीसरी, चौथी, पांचवीं और छठवीं मंजिल से आग के कारण सभी फाइलें, फर्नीचर और उपकरण जल गए हैं। जिन विभागों में के दस्तावेज जले जें उसमें आदिम जाति कल्याण विभाग, परिवहन और स्वास्थ्य विभाग के कारण हैं। आग के फैलाव से संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं की स्थापना शाखा, नर्सिंग शाखा, शिकायत शाखा, लेखा शाखा, आयोग शाखा एवं विधानसभा प्रश्न इत्यादि को नुकसान पहुंचा है। अस्पताल प्रशासन शाखा जो कि सतपुड़ा के द्वितीय तल पर संचालित है उक्त अग्नि दुर्घटना से प्रभावित नहीं हुआ है। दवाओं, अस्पताल के लिये उपकरण फर्नीचर खरीदी संबंधी फाइल दूसरे तल पर होने से आग से प्रभावित नहीं हैं। आग से हुए वास्तविक नुकसान का आंकलन, कल आग बुझने के पश्चात किया जाना संभव हो सकेगा।

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