अब मध्यप्रदेश का युवा काम सीखेगा भी और कमाएगा भी…, क्‍या है मुख्‍यमंत्री सीखो-कमाओ योजना ? Mukhyamantri Sikho Kamao Yojana full details

मध्‍यप्रदेश में इसी साल के अंत तक विधानसभा चुनाव 2023 होने हैं। चुनाव से पहले प्रदेश की भाजपा सरकार ने युवाओं को कमाई का जबरदस्‍त मौका दिया है। इसके लिए मुख्‍यमंत्री सीखो-कमाओ योजना शुरू की जा रही है।

मध्‍यप्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कहते हैं कि हमारा संकल्‍प है कि युवाओं को बेरोजगार नहीं रहने देंगे। इस मकसद से युवाओं को रोजगार के लिए कौशल सिखाने नई योजना लागू की जा रही है। युवाओं को कौशल सीखने के साथ भुगतान भी किया जाएगा। कौशल प्रशिक्षण के लिए कंपनियों और सेक्‍टर को जोड़ा जाएगा। बेरोजगारी भत्‍ता बेमानी है।

मुख्‍यमंत्री सीखो-कमाओ योजना की प्रक्रिया

मुख्‍यमंत्री सीखो-कमाओ योजना की पात्रता

  • मध्‍यप्रदेश के स्‍थानीय निवासी 18 से 29 वर्ष के ऐसे युवा, जिनकी शैक्षणिक योग्‍यता 12वीं अथवा आईटीआई या उच्‍च है, योजना के पात्र होंगे।
  • प्रशिक्षण के बाद मध्‍यप्रदेश राज्‍य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड द्वारा स्‍टेट कॉउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग का प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
  • योजना में युवाओं को प्रशिक्षण के साथ स्‍टाइपेंड मिलेगा। कौशल उन्‍न्‍यन से उनके रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और कमाई का बेहतर मार्ग प्रशस्‍त होगा।

    मुख्‍यमंत्री सीखो-कमाओ योजना में किसको कितना स्‍टाइपेंड

    • 12वीं उत्‍तीर्ण प्रशिक्षणार्थियों को 8000 रुपए प्रतिमाह।
    • आईटीआई उत्‍तीर्ण को 8500 रुपए प्रतिमाह।
    • डिप्‍लोमाधारी को 9000 रुपए प्रतिमाह।
    • स्‍नातक या उच्‍च शैक्षणिक योग्‍यता वालों को 10 हजार रुपए प्रतिमाह।
    • स्‍टाइपेंड की 75 प्रतिशत राशि मध्‍यप्रदेश सरकार की ओर से प्रशिक्षणार्थियों को डीबीटी से भुगतान की जाएगी।
    • संबंधित प्रतिष्‍ठान को निर्धारित न्‍यूनतम स्‍टाइपेंड की 25 प्रतिशत राशि प्रशिक्षणार्थी के बैंक खाते में जमा करवानी होगी।

    मुख्‍यमंत्री सीखो-कमाओ योजना में यहां मिलेगा प्रशिक्षण

    मध्‍यप्रदेश सरकार ने मुख्‍यमंत्री सीखो-कमाओ योजना में प्रशिक्षण के लिए 703 कार्य क्षेत्र चुने हैं। इसमें विनिर्माण क्षेत्र, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, सिविल, प्रबंधन, मार्केटिंग, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्‍म, ट्रेवल, अस्‍पताल, रेलवे, आईटी सेक्‍टर, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, बैंकिंग, बीमा, लेखा चार्टर्ड अकाउंटेंट और अन्‍य वित्‍तीय सेवाओं से जुड़़े प्रतिष्‍ठानों को जोड़ा जाएगा। मीडिया, कला, कानूनी और विधि सेवाएं, शिक्षा-प्रशिक्षण तथा सेवा क्षेत्र में कार्यरत प्रतिष्‍ठान भी योजना में शामिल होंगे।

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