Bhopal : 15 अक्टूबर यानी रविवार से ‘शारदीय नवरात्रि’ (Shardiya Navratri) का महापर्व का शुभारंभ हो चुका है। नवरात्रि में नौ दिन तक अखंड ज्योति जलाने का विधान माना गया है। इसे बेहद महत्वपूर्ण भी माना गया है। इसीलिए अखंड ज्योति का बुझना अशुभ माना गया है। लेकिन कई बार ऐसा भी देखा गया है बहुत ज्यादा ध्यान रखते हुए भी अचानक किसी भी कारण से अखंड ज्योति बुझ जाती है। अगर आपके साथ भी ऐसा हुआ है, तो बिल्कुल भी न डरें। ऐसा हो जाए तो आपको बस एक ही काम करना चाहिए। आइए जानें इस बारे में-
ज्योतिषियों के मुताबिक, अखंड ज्योति का अर्थ होता है, ऐसी ज्योति जो एक बार जल जाए तो फिर खंडित न हो। माना जाता है कि नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने से माता रानी प्रसन्न होती हैं। और माता-रानी के प्रसन्न होने का अर्थ है घर-परिवार पर मां की कृपा होना। इससे घर-परिवार में खुशहाली और समृद्धि बनी रहती है। वहीं माना यह भी जाता है कि अखंड ज्योति जलाने से मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
अखंड ज्योति जलाने के कई नियम होते हैं। इसलिए माना जाता है कि अखंड ज्योत जलाते समय पूरी तरह से सावधानी बरतनी चाहिए। वैसे तो, अखंड ज्योति का बुझना शुभ नहीं माना जाता। लेकिन अगर सावधानी के बावजूद अखंड ज्योति किसी कारण बुझ जाए या बार-बार अखंड ज्योति बुझे तो ऐसे में आपको करना चाहिए ये काम अखंड ज्योति का बार-बार बुझना शुभ नहीं माना जाता। इसे अनिष्टकारी माना जाता है। लेकिन यदि पूरी सावधानी के बावजूद यदि अखंड ज्योति बुझ जाए तो, सबसे पहले मां से क्षमा याचना करें।
शास्त्रों के अनुसार, अगर किसी कारण से ज्योति बुझ गई है तो, फिर से बाती उसी में डालकर दीपक को न लगाएं। दरअसल बुझने के बाद इस ज्योति को खंडित माना जाता है। आप जलते दीपक में ही दूसरी बाती जोड़ दें तो आपकी ज्योति खंडित नहीं मानी जाएगी। नवरात्रि में जलाई गई अखंड ज्योति पूरे नौ दिनों तक जलनी चाहिए। लेकिन अगर आप ज्योति जलाने के लिए सवा बित्ता से कम की बाती का इस्तेमाल करेंगे तो यह कभी भी पूरे नौ दिन तक नहीं जल पाएगी।
कहते है दीपक को बुझने से बचाने के लिए दूसरी बाती को पहली बाती में पहले ही जोड़ दीजिए। इसीलिए आप पहले ही सवा हाथ का रक्षासूत्र बनाकर दीपक के बीचों-बीच रख दें, जिससे कि दीपक किसी कारण बुझ भी जाए तो आप इस बाती से दीपक को जला सकें।
यदि नौ दिन पूरे होने और नवरात्रि खत्म होने के बाद भी दीपक जलता रहे तो, इसे फूंक माकर या किसी भी तरह से खुद नहीं बुझाना चाहिए। बल्कि इस अखंड ज्योति को स्वयं ही बुझने देना चाहिए।
अखंड ज्योति की बाती को महत्वपूर्ण माना जाता है। इसलिए आप पहले ही सवा हाथ का रक्षासूत्र बनाकर दीपक के बीचों-बीच रख दें, जिससे कि दीपक किसी कारण बुझ जाए, तो आप इस बाती से दीपक को जला सकें।