मप्र में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सीधी भर्ती आउटसोर्स पद पर किए जाने की तैयारी का विरोध शुरू हो गया है। गुरुवार को मप्र लघु वेतन कर्मचारी संघ के आह्वान पर स्पीक सपाक्स संस्था के नेतृत्व में सरकारी कर्मचारियों ने ज्ञापन सौंपकर विरोध जताया है। साथ ही मांग की कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सीधी भर्ती आउट सोर्स के पद पर किए जाने के निर्णय का सरकार पुनर्विचार करें।
स्पीक सपाक्स संस्था जिलाध्यक्ष केएन त्रिपाठी ने बताया कि सीधी भर्ती के रिक्त पदों पर प्रथम श्रेणी, द्वितीय श्रेणी व तृतीय श्रेणी चतुर्थ श्रेणी के पदों को आउटसोर्स के तहत भरे जाने के निर्देश हैं। जिसके विरोध मप्र लघु वेतन कर्मचारी संघ के और सरकारी कर्मचारी कर रहे है। लघु वेतन कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष अभिमन्यु सिंह राजपूत, स्पीक सपाक्स संस्था जिलाध्यक्ष केएन त्रिपाठी, एचके वर्मा के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा गया।
वर्ष 2016 से मप्र शासन द्वारा अकारण कर्मचारियों-अधिकारियों की रोकी गई पदोन्नति तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को उच्च प्रभार न दिए जाने सेवानिवृत्त कर्मचारियों को डीए व एरियर्स राशि का भुगतान कराए।
इस अवसर पर लिपिक संघ जिला अध्यक्ष अरविंद तिवारी, सेवा निवृत्त अधिकारी कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष केके शर्मा, आशुतोष भार्गव, आरबी गोलिया, बबीता शर्मा, पूजा मालवीय, वन विभाग, पशुपालन विभाग, सिंचाई विभाग, शिक्षा विभाग, उद्योग विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, नर्मदा कालेज, राजस्व विभाग के कर्मचारी शामिल हुए।
1. चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती से की जावे। आउटसोर्स के रूप में भर्ती न की जाएं।
2. वर्तमान में आउटसोर्स कर्मचारी निजी एजेन्सी के माध्यम से कार्य कर रहे है, शासकीय एजेन्सी का निर्माण कर वेतन व्यवस्था बनाई जाएं।
3. वर्तमान में विभिन्न विभागों में कार्यरत स्थाई कर्मी, दैनिक भोगी एवं अंशकालीन कर्मचारी से चतुर्थ श्रेणी के पद भरे जाएं।