Narmadapuram News : नो लाख नहीं डेढ़ करोड़ का मामला कोष लेखा आयुक्त ने दिए जांच के आदेश

पूरा मामला मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले के माखन नगर तहसील का है। यहां पर तहसील कार्यालय में पदस्थ कर्मचारियों के द्वारा सरकारी धन का गबन करने का मामला सामने आया है। Denvapost को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरकारी योजनाओं के तहत हितग्राहियों को दी जाने वाली करीब डेढ़ करोड़ रुपये की राशि का गबन किया है। मामला संज्ञान में आने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है।

जिले की माखन नगर तहसील में पदस्थ कर्मचारियों द्वारा शासन की विभिन्न योजनाओं के तहत हितग्राहियों को प्रदान की जानी वाली करीब डेढ़ करोड़ की बड़ी राशि का फर्जी तरीके से आहरण कर गंभीर भ्रष्टाचार किया गया है। जिले के लगभग हर विभाग में इस तरह के करोड़ों के घोटाले लगातार सामने आना प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर बड़ा प्रश्न चिंन्ह खड़ा कर रहा है।  लगातार घोटाले उजागर होने से एक बात तो तय है कि, सत्ता के साथ प्रशासन भी मिलकर शासकीय राशि का दुरुपयोग कर रहे हैं। हालांकि आयुक्त कोष लेखा ने एक शिकायत पर संज्ञान लेते हुए है। नर्मदापुरम कलेक्टर सोनिया मीना को टीम गठित कर जांच करने के आदेश दे दिए है।

ये भी पढ़ें सोशल मीडिया पर सूची वायरल : तहसील क्षेत्र में बाढ़ राहत वितरण में बड़ा घोटाला

ऐसे मामला सामने आया

Denvapost ने 10 सितंबर 2024 को खबर प्रकाशित की थी। जिसमें बाढ़ राहत की राशि में घोटाले का मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। जिसमे लाखों रूपए निजी खातों में ट्रांसफर करने की बात सामने आ रही थी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तहसील के पटवारी एवं बाबू की मिली भगत से इस काम को अंजाम दिया गया है। उसके बाद सीताराम यादव के द्वारा 18 सितंबर 2024 को इसकी शिकायत आयुक्त कोष लेखा विभाग भोपाल को गई और मामला संज्ञान में आया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एस एफ आई सी डाटा एनालिसिस टीम ने आयुक्त को करीब डेढ़ करोड़ के संदिग्ध लेन देन का मामला होना बताया है। वहीं यह कारनामा वर्ष 2018-19 से 2022-23 यानि करीब 4 साल में किया गया है।

डोलरिया तहसील में भी हो चुका करोड़ों का घोटाला

डोलरिया तहसील के सहायक ग्रेड 3 नायब नाजिर अमित लौवंशी एवं चपरासी आशीष कहार ने तहसीलदार के हस्ताक्षर और पदमुद्रा का दुरुपयोग कर शासन द्वारा हितग्राहियों को बाढ़ आपदा के लिये दी जाने वाली राशि, किसानों को दी जाने वाली राशि, मृतकों के परिजनों को दी जाने वाली राशि में करीब 100 से ज्यादा किसानों और लोगों के फर्जी दस्तावेज और प्रकरण तैयार कर 2 करोड़ 23 लाख 35 हजार 863 रूपये की राशि आहरित की है। इन दोनों ने यह राशि अपने पत्नि, बच्चों के साथ-साथ रिश्तेदारों के खाते में ट्रांसफर कराकर शासन को चपत लगा दी। भृत्य और बाबू ने यह कारनामा वर्ष 2018-19 से 2022-23 यानि 4 साल में किया है।

कलेक्टर से नहीं हुआ संपर्क

जब denvapost टीम ने नर्मदापुरम कलेक्टर सोनिया मीना से इस सम्बन्ध फोन पर जानकारी प्राप्त करनी चाही तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!