
समर्थकों संग विधायक कमलेश्वर डोडियार
पार्टी हाईकमान से मिले अल्टीमेटम के बाद विधायक कमलेश्वर डोडियार को घर वापसी करनी पड़ी है। हालांकि, उन्होंने कहा है कि पार्टी से छोटी-मोटी नाराजगी थी, जो बातचीत के बाद सुलझ गई है। अब निरंतर पार्टी के लिए काम करेंगे। दरअसल, सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार लोकसभा चुनाव प्रचार से गायब चल रहे थे, जिसके बाद सैलाना विधायक को पार्टी ने नोटिस जारी कर पार्टी कार्यक्रमों में अनुपस्थिति पर जवाब-तलब किया था।
लोकसभा चुनाव के दौरान उनकी क्षेत्र से दूरी से उन्हें टिकट देकर विधायक बनाने वाली भारतीय आदिवासी पार्टी के नेता उनसे खफा चल रहे थे। खबर आ रही थी कि वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। वहीं, दूसरी पार्टी बनाने के भी कयास लगाया जा रहे थे। पिछले दिनों खबर आई थी कि विधायक कमलेश्वर डोडियार जज बनना चाहते हैं। इसके लिए वे दिल्ली जाकर सिविल जज की परीक्षा की तैयारियों में जुटे हुए थे। पिछले मंगलवार भी सरवन में भारतीय आदिवासी पार्टी का बड़ा कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया गया, जब इसमें भी विधायक नहीं पहुंचे तो पार्टी ने उन्हें नोटिस जारी किया था।
झोपड़ी वाले विधायक के नाम से हुए थे मशहूर
झोपड़ी वाले विधायक के नाम से मशहूर कमलेश्वर डोडियार मध्यप्रदेश के 2023 विधानसभा चुनाव से सुर्खियों में आए थे। जीत के बाद तो पहले वे झोपड़ी वाले विधायक के नाम से मशहूर हुए, इसके बाद बाइक से विधानसभा पहुंचकर उन्होंने जमकर सुर्खियां बटोरी थीं। 2023 के विधानसभा चुनाव में भारतीय आदिवासी पार्टी से वे एक मात्र विधायक रहे, जो चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे थे।
पढ़े लिखे, युवा आदिवासी विधायक बनने पर कमलेश्वर आदिवासी समाज में लोकप्रियता के शिखर पर पहुंचे। लेकिन यह लोकप्रियता धीरे-धीरे कम होने लगी है। विधायक पर व्यापारियों और बंगाली डॉक्टरों से अवैध वसूली करने के गंभीर आरोप भी लग चुके हैं। फिलहाल, वे भारीतय आदिवासी पार्टी से रतलाम और झाबुआ प्रत्याशी बालू सिंह गामड़ के प्रचार में जुट गए हैं। देखना ये होगा कि लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी का विधायक के लिए क्या स्टैंड होता है।