Mp News : गोपाल मंदिर में लगा दरवाजा मुगल शासकों से छीनकर लाए थे राजा सिंधिया, आम सभा में बोले सीएम मोहन यादव

Mohan Yadav said that King Scindia had snatched the door installed in Gopal temple from the Mughal rulers

सीएम मोहन याद

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बताया कि गोपाल मंदिर के प्रांगण में लगा दरवाजा भी एक इतिहास को दर्शाता है, क्योंकि जब मोहम्मद गजनवी ने सोमनाथ का मंदिर तोड़ा तो वहां का सारा माल अशफाक लूटकर ले गया था, उस समय हम कमजोर थे तो कोई बात नहीं यह लोग भले ही ले जाएं, लेकिन महादजी सिंधिया उज्जैन के राजा हुए तो वह तलवार के बल पर अफगानिस्तान के काबुल से सोमनाथ से लूटा गया चांदी का यह दरवाजा उज्जैन ले आए थे और उन्होंने इसे गोपाल मंदिर पर लगा दिया था। अपना यह पुराना इतिहास हमें अहसास करवाता है। आज भी चांदी के पल्ले का यह दरवाजा और गोपाल कृष्ण जी की दाढ़ी में लगा हीरा यहां के लोगों के उस स्वाभिमान को जिंदा रखने के बाद उसे गौरवशाली पल का हिस्सा है। यह उसके उदाहरण है जो हमारे लिए सौभाग्य की बात है।

मुझसे मोदी जी ने कहा कि बनारस मैं संभालता हूं, मोहन जी आप उज्जैन संभाले

कुछ वर्षों पूर्व ही मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था विश्वनाथ बनारस में संभालता हूं मोहन जी तुम उज्जैन संभालो। जिसके बाद से ही लगभग 5 वर्षों से बनारस और उज्जैन के बीच दोस्ती चल रही है। पहले वह दीपक जलाने का रिकॉर्ड बनाते हैं और फिर हम उसे महाशिवरात्रि पर तोड़ देते हैं, कई वर्षों से बाबा विश्वनाथ और धार्मिक नगरी उज्जैन के बीच लाखों दीपकों को जलाने का रिकॉर्ड लगातार इसी तरह बन रहा है।

उज्जैन पर कोई आक्रमण न करें, इसीलिए राजा सिंधिया ने लगाई थी यह युक्ति

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने जनसभा में कहा, आज जिसे मिथक माना जाता है वास्तविकता में वह राज्य बचाने की एक युक्ति थी। ‘इस मिथक को तत्कालीन राजा दौलत राव सिंधिया ने बनाया। तत्कालीन राजा महाद जी सिंधिया के निधन के बाद दौलत राव सिंधिया राजधानी को उज्जैन से ग्वालियर ले जाना चाहते थे। 1812 में वे राजधानी तो ले ही गए, धीरे से एक मंत्र फूंक गए कि यहां (उज्जैन में) कोई राजा रात को नहीं रहेगा, जिससे कोई कब्जा करने नहीं आए। यह उनकी राजनीतिक रणनीति थी। उन्होंने आगे कहा कि अब हम भी कहते हैं कि राजा रात नहीं रहेगा। अरे, राजा तो बाबा महाकाल हैं, हम सब तो उनके बेटे हैं, क्यों रात नहीं रहेंगे….? ब्रह्मांड में कहां कोई बच सकता है अगर महाकाल ने टेढ़ी निगाह कर ली तो…?

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