राजधानी भोपाल में लंबित मांगों को लेकर लामबंद हुए प्रदेश के कर्मचारियों ने आंदोलन शुरू कर रखा है। इसी बीच स्थाई कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। सीएम शिवराज की हरी झंडी के बाद उन्हें यह सौगात मिल जाएगी। इसका लाभ राज्य के 48 हजार कर्मियों को होगा। अभी इन्हें छठे वेतनमान का लाभ मिल रहा है, जबकि सभी नियमित कर्मचारी सातवां वेतनमान पा रहे हैं।
मध्य प्रदेश कर्मचारी संघ ने प्रस्ताव का स्वागत करते हुए सीएम को पत्र सौंपकर मांग की है कि स्थायी कर्मचारियों को नियमित भी किया जाए। 2016 में सुप्रीम कोर्ट भी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश दे चुका है, लेकिन सरकार ने नियमित करने के बजाए स्थायी कर्मी पद नाम दे दिया था।
कर्मचारी संघ के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने कहा कि नियमितीकरण किया जाए और सातवें वेतनमान का एरियर दिया जाए सातवें वेतनमान की मांग को लेकर 22 मई को कर्मचारी मंच के बैनर तले प्रांतीय सम्मेलन बुलाया गया है।
बता दे 4 विभाग के स्थाई कर्मी सातवें वेतनमान को लेकर न्यायालय की शरण में भी गए थे इनमें से ज्यादातर के मामले में विवि न्यायालय ने सरकार को सातवें वेतनमान का लाभ देने के निर्देश दिए थे। इन मामलों को लेकर एक बैठक भी आयोजित की गई थी। अगर इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिल जाती है तो ₹15500 वेतन पाने वाले और कुशल को ₹17500 और 19 हजार 500 रुपये पाने वाले कर्मियों को 4 से ₹5 हजार महीने का लाभ होगा।