प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भोपाल के बाद अब एक दिवसीय दौरे पर एक जुलाई को शहडोल आएंगे। यहां पर प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की पूरी तैयारी पहले ही कर ली गई हैं। इस व्यवस्था में अब एक बदलाव किया गया है। अब प्रधानमंत्री संवाद करने के लिए खाट पर ही बैठेंगे। पहले प्रधानमंत्री के लिए तख्त और जनता को खाट पर बैठा कर संवाद करने की व्यवस्था रखी गई थी। अब इसमें बदलाव कर दिया गया है। बारिश के मौसम को देखते हुए पकरिया गांव की अमराई के बगल में ही वॉटर प्रूफ टेंट लगाया गया है। इसमें प्रधानमंत्री 360 लोगों से बैठकर संवाद करेंगे। हालांकि, बारिश नहीं होने पर कार्यक्रम खुले आसमान में अमराई में करने के भी इंतजाम किए गए हैं। शहडोल के कमिश्नर राजीव शर्मा ने बताया कि हमारी प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर पूरी तैयारी है। बारिश को देखते हुए अमराई के पास ही वॉटर प्रूफ टेंट लगाया है। जहां प्रधानमंत्री खिलाड़ी, लखपति दीदियों और आदिवासी समाज के लोगों के साथ संवाद करेंगे।
संवाद करने वाले 362 लोगों में ये शामिल
प्रधानमंत्री से संवाद करने के लिए फुटबाल खिलाड़ी, लखपति दीदियां, आदिवासी समाज और पेसा एक्ट समिति के चुनिंदा लोगों को चयन किया गया है।
शहडोल में एक हजार फुटबाल क्लब
शहडोल संभाग में करीब एक हजार फुटबाल क्लब हैं। इनमें 15 हजार के करीब खिलाड़ी हैं। इनमें सक्रिय और प्रतिभावान 100 खिलाड़ियों का चयन किया गया है। इसके अलावा सेल्फ हेल्प ग्रुप की साल में एक लाख रुपये तक की आय करने वाली 100 लखपति दीदियों का चयन किया गया है। इसके अलावा बाकी पेसा एक्ट समिति और आदिवासी समाज के जनप्रतिनिधि शामिल रहेंगे।
25 आदिवासियों के साथ पीएम करेंगे भोजन
प्रधानमंत्री कार्यक्रम में आदिवासी समाज के लोगों के साथ ही भोजन करेंगे। इसके लिए पकरिया गांव के टोला से 25 लोगों का चयन किया गया है। यह आदिवासी बहुल इलाका है। प्रधानमंत्री मिलेट्स से बने स्थानीय व्यंजन का स्वाद चखेंगे। यह भोजन सेल्फ हेल्प ग्रुप की दीदियां ही आदिवासी परिवार के घर में तैयार करेंगी। इससे पहले प्रधानमंत्री लालपुर में एक बड़ी रैली को संबोधित करेंगे। यहां से प्रधानमंत्री सिकल सेल एनीमिया और आयुष्मान कार्ड का वर्चुअली वितरण भी करेंगे।
दौरे के यह है सियासी मायने
मध्य प्रदेश में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही आदिवासी वोटरों को साधने के लिए ताकत झोंक दी है। बता दें, 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को आदिवासी वोटरों की नाराजगी का नुकसान हुआ था। मध्य प्रदेश में 230 में से 47 सीटें आदिवासी समाज के लिए आरक्षित हैं। 2013 में भाजपा ने 31 सीटें जीती थी, जबकि 2018 में यह सीटें कम होकर 16 पर आ गईं। भाजपा ने विधानसभा के साथ ही अभी से लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। यही, वजह है कि प्रधानमंत्री के दौरे के लिए मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित शहडोल का चयन किया गया, ताकि दोनों राज्यों के आदिवासी वोटरों को साध सकें।