इंदौर मेट्रो को भी नवंबर 2018 में स्वीकृति दी गई थी। इसकी कुल लंबाई 31 किमी से अधिक है, जिसमें 28 स्टेशन और 7 भूमिगत स्टेशन शामिल हैं। अनुमानित लागत 12,088 करोड़ है। पहले फेज में गांधीनगर से सुपर कॉरिडोर तक 6.3 किमी ट्रैक पर मेट्रो संचालन 31 मई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू किया। रीच-2 (सुपर कॉरिडोर से मालवीय नगर) का कार्य अक्टूबर 2025 तक, रीच-3 (मालवीय नगर से पलासिया) दिसंबर 2027 तक, और तीसरा फेज (पलासिया से गांधीनगर भूमिगत) दिसंबर 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
अन्य शहरों में भी योजना निर्माण
मेट्रो परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन एवं जबलपुर शहरों के लिए व्यापक गतिशीलता योजना और वैकल्पिक विश्लेषण रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, जिसमें बताया गया कि परियोजनाएं अनुमोदन के विभिन्न चरणों में हैं। भोपाल-सीएमपी और एएआर प्रस्तुत एमआरटीएस कॉरिडोर प्रस्तावित हितधारकों को प्रस्तुत किया जाना है। इंदौर- सीएमपी और एएआर एमआरटीएस मेट्रो कॉरिडोर भी प्रस्तावित किए गए हैं। ग्वालियर- सीएमपी और एएआर और हितधारकों द्वारा अनुमोदित एमआरटीएस लाइट मेट्रो कॉरिडोर भी प्रस्तावित किए गए हैं। उज्जैन और जबलपुर-सीएमपी और एएआर हितधारकों को प्रस्तुत किया जाना है। राज्य शासन के अनुमोदन के बाद प्रस्तावित मेट्रो कॉरिडर के डीपीआर तैयार किए जाने के प्रक्रिया की जाएगी। बैठक में मंत्री प्रतिमा बागरी, मुख्य सचिव अनुराग जैन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।