शहर सहित क्षेत्र में वाहनों पर रंग बिरंगी, आड़े तिरछे स्टाइलिश और पद नाम लिखे नंबर प्लेटों की भरमार है। वाहनों में लगे प्लेट से वाहन पंजीकरण संख्या गायब है, उसके स्थान पर धार्मिक, जाति सहित कई तरह के नाम के लिखे वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। ऐसे वाहन सरकारी अधिकारियों के ज्यादा है। वे वाहनों में पद नाम बडे अक्षरों और नम्बर छोटे अक्षरों में दर्ज करा रहे हैं।
इन पर न तो विभागीय कार्रवाई हो पा रही है और न ही पुलिस व परिवहन विभाग कार्रवाई कर रहा है। कुछ अधिकारियों के वाहनों में नम्बर प्लेट ही नहीं लगी है।
पुलिस व परिवहन विभाग द्वारा जगह-जगह वाहनों की जांच और चालकों को सलाह दी जा रही है। लेकिन मोटर व्हीकल एक्ट के हो रहे उल्लंघन पर किसी की भी नजर नहीं जा रही है। अपराध व किसी भी प्रकार के दुर्घटना के दौरान ऐसे वाहनों के नंबर नोट कर पाना मुश्किल हो जाता है। जिससे दुर्घटना व अपराध करने के बाद पुलिस की पकड़ में ही नहीं आते हैं। परिवहन विभाग के नियमानुसार वाहनों में सफेद नंबर प्लेट पर काले रंग से आरटीओ द्वारा जारी पंजीकरण सीरीज लिखना होता है। नंबर प्लेट पर पंजीकरण संख्या के अलावा कु छ भी नहीं लिखा होना चाहिए। इसके बाद भी मोटरसाइकिल, स्कूटी, कार से लेकर बड़े वाहनों के नंबर प्लेट पर भी आड़े तिरछे व स्टाइल में नबंरों को धड़ल्ले से लिखा जा रहा है। मोनोग्राम भी लगाया जा रहा है।
मोटर व्हीकल एक्ट के तहत ये है मानक
मोटर व्हीकल एक्ट के तहत वाहन के लिए नंबर प्लेट के मानक निर्धारित हैं। मसलन 70 सीसी से ऊपर के सभी दो पहिया वाहनों में आगे की नंबर प्लेट में अक्षरों की ऊंचाई 30 मिमी, चौड़ाई और अक्षरों के बीच स्पेस 5 मिमी होनी चाहिए। नंबरों और अक्षरों के बीच स्पेस 40 मिमी, नंबरों की ऊंचाई 7 और स्पेस के लिए 5 मिमी का मानक है। वाहन के पिछले हिस्से में नंबर प्लेट पर अक्षरों और नंबरों की ऊंचाई 35, चौड़ाई 7 और स्पेस 5 मिमी निर्धारित है। चार पहिया वाहनों के अगले और पिछले हिस्से के नंबर प्लेट के अक्षरों और नंबरों की ऊंचाई 65, चौड़ाई 10 और बीच का स्पेस 10 मिमी निर्धारित है। सफेद बैकग्राउंड पर काले कलर से लिखावट होनी चाहिए। कमर्शियल, मिलिट्री व राजनयिकों के लिए प्लेट और नंबरों के लिखावट के लिए अलग प्रावधान है।
जिले में एसडीएम, तहसीलदार, एसडीओ, नगर पालिका अधिकारी सहित कई विभागों के बडे़ अधिकारी अपने सरकारी और निजी वाहनों में नम्बर प्लेट पर बडे अक्षरों में पद नाम और छोटेे अक्षरों में नम्बर दर्ज करा रहे हैं। यही नहीं कुछ अधिकारियों ने अपने निजी व सरकारी वाहनों नम्बर प्लेट में नम्बर ही नहीं दर्ज करवाए हैं। लेकिन उसके स्थान पर बडे अक्षरों में पद नाम जरूर दर्ज है। इन वाहनों में अधिकारी होने या अधिकारियों के होने से पुलिस व परिवहन विभाग की टीमें भी कार्रवाई करने से बचती हैं।