घंटे भर में कैसे नेता विपक्ष से डिप्टी सीएम बने अजित पवार, जानें

Maharastra:महाराष्ट्र में तेजी से बदले सियासी घटनाक्रम में शरद पवार की पार्टी एनसीपी में फूट पड़ गई है और उनके भतीजे अजित पवार ने सियासी पलटी मारते हुए एकनाथ शिंदे की सरकार में उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। उनके अलावा नौ एनसीपी विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली है। पांच साल के एक ही कार्यकाल में पवार तीसरी बार उप मुख्यमंत्री बने हैं। इससे पहले 2019 में भी अजित पवार ने चाचा के खिलाफ बगावत कर दी थी। तब देवेंद्र फडणवीस की सरकार में उप मुख्यमंत्री बनाए गए थे। बाद में उद्धव की सरकार में और अब तीसरी बार शिंदे की सरकार में डिप्टी सीएम बने हैं।

घंटे भर में नेता विपक्ष से बन गए डिप्टी सीएम 

रविवार को मुंबई में इतनी तेजी से घटनाक्रम बदला कि किसी को इसका पता ही नहीं चल सका। इसकी भनक सभी को तब लगी जब अजित पवार 17 अन्य विधायकों संग राजभवन कूच कर गए। उससे पहले उन्होंने एनसीपी विधायकों की एक बैठक बुलाई थी। बैठक में शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले भी पहुंची थीं लेकिन वह थोड़ी ही देर में वहां से निकल गईं।

उस बैठक में शरद पवार के करीबी माने जाने वाले और पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल भी मौजूद थे। उधर शरद पवार जो पुणे में थे, ने अपनी आज की यात्रा कैंसल कर दी थी। उन्हें इसका एहसास हो चुका था कि भतीजे कुछ गड़बड़ करने जा रहे हैं लेकिन सबकुछ इतनी जल्दी होगा, इसका अंदाजा उन्होंने भी नहीं लगाया था। अजित के मीटिंग बुलाने पर शरद पवार ने कहा था कि उन्हें ऐसा करने का अधिकार है।

कौन-कौन बने मंत्री

मंत्री बनने वालों में छगन भुजबल, दिलीप वालसे पाटिल, अदिति तटकरे, धनंजय मुंडे, हसन मुश्रीफ, रामराजे निंबालकर, संजय बनसोडे, धर्मराव बाबा अत्राम और अनिल भाईदास पाटिल का नाम शामिल है। शपथ ग्रहण समारोह में प्रफुल्ल पटेल भी मौजूद थे। उनके अलावा सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे। दावा किया जा रहा है कि एनसीपी के 53 में से 29 विधायकों का समर्थन अजित पवार को प्राप्त है।

अब डबल नहीं ट्रिपल इंजन की सरकार

शपथ समारोह के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया,“अब हमारे पास 1 मुख्यमंत्री और 2 उपमुख्यमंत्री हैं। डबल इंजन सरकार अब ट्रिपल इंजन बन गयी है। महाराष्ट्र के विकास के लिए मैं अजित पवार और उनके नेताओं का स्वागत करता हूं।अजित पवार का अनुभव काम आएगा।”

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