Jabalpur News : कोर्ट ने पूछा- हड़ताली अधिवक्ताओं पर क्या कार्रवाई की, बीसीआई को जवाब दाखिल करने का समय मिला

Jabalpur: Court asked- what action was taken against the striking advocates, BCI got time to submit its reply

मप्र हाईकोर्ट
– फोटो : file photo

मप्र हाईकोर्ट ने प्रदेश में वकीलों द्वारा की गई हड़ताल को संज्ञान में लेते हुए मामले की सुनवाई संज्ञान याचिका के रूप में करने के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट ने हड़ताल करने वाले अधिवक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश बीसीआई को जारी किए थे। याचिका पर गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) की तरफ से हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा को बताया गया कि कार्रवाई के संबंध में 20 फरवरी तक निर्णय कर लिया जाए। युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई 21 फरवरी को निर्धारित की हैं

बता दें कि मार्च 2023 में अधिवक्ता प्रदेश व्यापी हड़ताल पर चले गए थे। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई संज्ञान याचिका के रूप में करते हुए अधिवक्ताओं को तत्काल काम पर वापस लौटने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट तथा हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में पारित आदेश को हवाला देते हुए कहा कि अधिवक्ता काम पर नहीं लौटते हैं तो इसे न्यायालय की अवमानना माना जाएगा। आदेश का पालन नहीं करने वालों अधिवक्ताओं के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी और उनको निष्कासित किया जाएगा। हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार को निर्देश दिए कि आदेश की प्रति के साथ स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जबलपुर, इंदौर व ग्वालियर के अध्यक्ष, हाईकोर्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन जबलपुर के अध्यक्ष के अलावा प्रदेश भर के जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्षों को नोटिस जारी करें।

युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि 25 प्रकरणों के निराकरण का आदेश तीन माह के लिए स्थगित कर दिया गया था। इसी सूचना ई-मेल के माध्यम से एसबीए ऐसा करने के बजाय चेयरमैन ने राज्यव्यापी हड़ताल की घोषणा कर दी। इसके अलावा बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन ने भी 23 मार्च को स्टेट बार के चेयरमैन को पत्र लिखकर तत्काल हड़ताल वापस लेने के निर्देश दिए थे, जिसका पालन भी नहीं किया गया। हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार को निर्देशित किया था कि आदेश के बावजूद पैरवी के लिए उपस्थित नहीं होने वाले अधिवक्ताओं के संबंध में जानकारी प्राप्त कर न्यायालय को अवगत कराएं। याचिका पर पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने बीसीआई को निर्देशित किया था कि आदेश के बावजूद भी काम पर नहीं लौटने वाले अधिवक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई कर न्यायालय को अवगत करवाएं। याचिका की सुनवाई के दौरान बीसीआई की तरफ उक्त जानकारी पेश की गई।

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