![Indore: मठ-मंदिरों में कलेक्टर को प्रशासक बनाना बंद करे सरकार, दान और भूमि का उपयोग धर्म के लिए हो mandir donation property owned by government](https://i0.wp.com/staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/09/04/indore-news_1693844271.jpeg?resize=414%2C233&ssl=1)
INDORE NEWS
मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार ने कई प्रमुख मंदिरों और मठों का प्रशासक कलेक्टर को नियुक्त कर दिया है। वहां पर आने वाले दान का पैसा और जमीनों का उपयोग सरकारी कामों के लिए किया जा रहा है। जनता इसलिए दान करती है ताकि धर्म का विकास हो लेकिन वहां जो दान दिया जाता है उस दान का उपयोग सरकार अपने कामों के लिए कर लेती है। यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि मंदिरों का पैसा और जमीनें कलेक्टर के अधीन आती हैं और वह इसका मनमाना उपयोग करते हैं।
यह मुद्दा इंदौर के विश्व ब्राह्मण समाज संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित योगेंद्र ने भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र के कार्यक्रम में उठाया। भारतीय जनता पार्टी द्वारा चुनाव घोषणा पत्र में सम्मिलित करने के लिए जनता के सुझाव मांगे जा रहे हैं। इसी कड़ी में यह कार्य़क्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में योगेंद्र महंत ने यह भी कहा कि मठ मंदिरों की जमीन को कृषि के उपयोग में लाने की अनुमति भी देना चाहिए। इंदौर जिले के 400 से अधिक मंदिरों पर कलेक्टर को प्रशासन बनाया गया है, सभी मंदिरों को कलेक्टर से मुक्त किया जाना चाहिए। एसजीएसआईटीएस कॉलेज के गोल्डन जुबली हॉल में चुनाव घोषणा पत्र सुझाव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें शहर के प्रबुद्धजन आमंत्रित किए गए।
किसने क्या सुझाव दिया
पर्यटन क्षेत्रों में टारगेटेड शराब बिक्री बंद हो एवं होटल की खुली जमीन पर नगर निगम द्वारा टैक्स कम किया जाए या हटा दिया जाए।
– सुमित सूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष
उद्योग की जमीन को फ्री होल्ड किया जाए एवं ऑनलाइन प्रक्रिया में कई बार विभाग समय से काम नहीं होता जिसके कारण निर्धारित दिनांक निकल जाती है जिसका समाधान किया जाना चाहिए।
– प्रमोद डाफरिया इंदौर इंडस्ट्रियल एसोसिएशन
एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू होना चाहिए। आज के समय में इसकी बहुत अधिक जरूरत है।
– एडवोकेट लोकेश भटनागर
सरकार द्वारा सभी नगरों में पर्यावरण संरक्षण के लिए एक वृहद क्षेत्र को संरक्षित किया जाए जहां पर बड़ी संख्या में वृक्षारोपण किया जा सके।
– एस एल गर्ग पर्यावरणविद