मेयर पुष्य मित्र भार्गव
इंदौर। ग्वालियर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के दो छात्र नेताओं पर प्रकरण दर्ज होने का मुद्दा गरमाया हुआ है। ट्रेन में झांसी के एक विश्वविद्यालय के कुलपति की तबीयत बिगड़ने पर दोनों छात्र नेता स्टेशन पर खड़ी जज की कार छीन कर ले गए थे। इस मामले में इंदौर के मेयर और पूर्व अतिरिक्त महाअधिवक्ता पुष्य मित्र भार्गव ने हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में याचिका दायर की है। इसमें प्रदेश के प्रमुख सचिव, एसपी ग्वालियर और थाना प्रभारी को प्रतिवादी बनाया गया है।
जज की अनुमति के बगैर ग्वालियर स्टेशन पर खड़ी उनकी कार ले जाने पर दोनों छात्रों पर लूट और डकैती की धाराएं लगाई गई हैं। दर्ज किए गए प्रकरण के खिलाफ मेयर भार्गव ने याचिका दायर की है। इसमें छात्र नेताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त करने की गुहार लगाई गई है।
बता दें, 11 दिसंबर को अभाविप के छात्र नेता हिमांशु श्रोत्रिय और सुकृत शर्मा हाईकोर्ट जज की गाड़ी को कथित रूप से लूटकर झांसी के निजी विश्वविद्यालय के कुलपति रणजीतसिंह यादव को ट्रेन में तबीयत खराब होने पर ग्वालियर रेलवे स्टेशन के पास के अस्पताल ले गए थे। इस मामले में दोनों छात्रों पर पुलिस ने लूट और डकैती की धाराओं में केस दर्ज कर लिया। अस्पताल तक पहुंचाए जाने के बाद भी कुलपति की जान नहीं बचाई जा सकी। मामले में पुलिस ने दोनों छात्र नेताओं को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया था। सात दिन से वे जेल में थे। दोनों को सोमवार को जमानत मिल गई।
छात्रों का अभिनंदन करना चाहिए
मामले में इंदौर के मेयर भार्गव ने कहा कि दोनों छात्रों ने वीसी को बचाने के लिए अपने विवेक से निर्णय लिया। यह लूट की घटना नहीं हो सकती है। दोनों छात्रों का अभिनंदन करना चाहिए। कानून में प्रावधान है कि किसी की जान बचाने के लिए किया गया काम अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। हमने याचिका लगाकर कोर्ट से एफआईआर निरस्त करने की मांग की है। हम याचिका लगाकर यह भी मांग कर रहे है कि प्रोटोकॉल वाहन और सरकारी वाहनों का उपयोग संकट की घड़ी में करने के निर्देश दिए जाएं, अन्यथा समाज में दूसरों की मदद का भाव कम होगा।