एकेवीएन के एक्जीकेटिव डायरेक्टर राजेश राठौर।
अब तक कार्बन उत्सर्जन कम करने की चिंता अंतरर्राष्ट्री मंचों पर होती थी, लेकिन अब इंदौर जैसे शहरों में इस पर चर्चा हो रही है तो यह सुखद संकते है। हम छोटे प्रयासों से ही लक्ष्य हासिल कर सकते है। उन्होंने कहा कि हमें फिर परंपरागत जीवन की ओर लौटना होगा।यह आयोजन द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजिनियर ने ब्रियलंट कंवेशन सेंटर में किया गया था, जिसमें देशभर के 100 आर्किटेक्ट इंजिनियर ने भाग लिया था।
स्वागत उद्बोधन में संस्था अध्यक्ष इंजीनियर आर पी गौतम ने कहा कि हमें डेवलपमेंट मे थ्री आर का प्रयोग करना चाहिए । साथ ही आज ऐसे निर्माण जरूर होने चाहिए जो सस्टेनेबल डेवलपमेंट के दायरे में आते हो। वरिष्ठ वास्तुविद हितेंद्र मेहता ने कहा कि शहरों से कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए हमे बिल्डिंग निर्माण में नई तकनीकों को अपनाना होगा। यातायात आधारित विकास और मिश्रित भू उपयोग पर फोकस करना होगा। इससे शहरों में अनावश्यक ट्रैफिक में कमी आएगी और कार्बन उत्सर्जन कम होगा। हरियाली बढ़ाने के लिए गंभीरता से सोचना होगा।
नगर तथा ग्राम निवेश के पूर्व अधिकारी वी पी कुलश्रेष्ठ ने कहा कि हमे सस्टेनेबल सिटी बनाना होगी, जिसमें ट्रांसपोर्ट, शहरीकरण ,ग्रीन बिल्डिंग, वेस्ट मैंनेजमेंट पर काम करने की आवश्यकता है। इस दिशा मे सरकार को भी ध्यान देने की जरूरत है। वेस्टेज कम से कम हो और उसका निष्पादन भी होना जरूरी है।