Health Tips : ठंड में सांस की तकलीफ के साथ हार्टअटैक का खतरा, रखना होगा ख्याल

Heath & Lifestyle : नवंबर महीने के अंतिम सप्ताह में ठंड शुरू हो गई है। सुबह-शाम के साथ अब दिन में भी लोग गर्म कपड़े पहने नजर आने लगे हैं। ठंड के इस मौसम में सांस की तकलीफ के साथ हार्ट अटैक और लकवा का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में लोगों को दवाइयों का नियमित सेवन करना चाहिए। थोड़ा सा भी लक्षण समझ आने पर डॉक्टर के पास तुरंत जाएं। लोगों को अपनी जीवनशैली और खान-पान में भी बदलाव करने का समय आ चुका है। इसलिए ऐसे खाने का सेवन करें जो आपके शरीर को सर्दी से बचाने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता तैयार करें। यह बातें मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ राजेश धाकड़ ने देनवापोस्ट से अपनी विशेष बातचीत में कही है। पेश हैं

बातचीत के अंश:

ठंड में कौन सी बीमारियों का खतरा रहता है?

शीत लहर या तेज ठंड बढ़ने पर सर्दी, जुकाम, बुखार के साथ ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, लकवा, सांस की तकलीफ की समस्या बढ़ सकती है। हार्ट फेल्यूअर का खतरा भी अधिक रहता है।

लोग कैसे जानेंगे कि उन्हें ठंड लग गई?

हर बीमारी के सामान्य लक्षण पहले दिखने लगते हैं। सीने में जकड़न और दर्द, मांसपेशियों में दर्द, बुखार, सांस लेने में दिक्कत, खांसी जुकाम, हाथ पैर में ठंड और घबराहट, चक्कर आने पर समझे कि बीपी बढ़ा हुआ है।

ठंड के समय किस तरह की डाइट लेनी चाहिए?

ठंड के समय जहां तक डाइट का सवाल है तो लिक्विड आहार भी लेना चाहिए। दिन में दो बार की जगह चार बार डाइट लें। फास्ट फूड से दूरी बनाने के साथ प्रोटीन के लिए दाल, पनीर को प्राथमिकता दें। नॉनवेज वाले अण्डे का सेवन जरूर करें।

इस समय छोटे बच्चों और बुजुर्गों का ख्याल कैसे रखें?

छोटे बच्चों को इस समय बिल्कुल भी ठंडी चीज नहीं देनी चाहिए। बच्चों को अधिक से अधिक सूप का सेवन करवाना चाहिए। बुजुर्गों को संतुलित भोजन लेना चाहिए। ज्यादा खाना खाने से दिक्कत हो सकती है। भोजन में नमक की मात्रा कम करें। ठंड के समय में बच्चों और बुजुर्गों को पर्याप्त कपड़े पहनकर बाहर निकलना चाहिए।

क्या ठंड और शीतलहर के प्रकोप से किसी की जान भी जा सकती है?

तेज ठंड में ब्लड प्रेशर नियंत्रण की क्षमता कम हो जाती है, तब अचानक से बीपी बढ़ जाता है। इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक के कारण जान जाने का खतरा भी बढ़ जाता है।

ठंड के समय शुगर, बीपी मरीजों को क्या करना चाहिए?

शुगर मरीजों में ठंड के समय न्यूरोपैथी की समस्या ज्यादा रहती है। बीपी अनियंत्रित हो जाता है। बीपी, शुगर मरीजों को दवाइयां नियमित रूप से लेना चाहिए। तेज ठंड पड़ने से पहले मरीजों को अपना चेकअप कराने के साथ चिकित्सक को दिखा लेना चाहिए। किसी भी हालत में दवाई के सेवन करने से गैप न करें।

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