सांकेतिक तस्वीर।
दरअसल भिंड के रहने वाले रामहेत पुत्र विजय पाल सिंह कुशवाह और उसका भाई रामसिंह कुशवाह गजक बनाने का काम करते हैं। यह दोनों काम करने आगरा गए थे। आगरा से ट्रेन से शनिवार तड़के ग्वालियर आए। यहां से इन्हें भिंड जाना था, फिर काम के लिए भोपाल जाना था। दोनों के पास करीब 50-50 हजार रुपये रखे थे। बस स्टैंड के पास इन्हें सवारी ढूंढते हुए एक कार चालक मिला। कार में पहले से तीन युवक सवार थे। कार गोला का मंदिर चौराहे के पास पहुंची। तभी चालक बोला- यह सरकारी गाड़ी है, इसकी चेकिंग हो सकती है, इसलिए अगर कुछ रुपये या गहने हों तो बाहर निकाल लें। दोनों ने रुपये निकाल लिए। चालक ने कपड़ा दिया, उसमें रुपये रखवा लिए। कुछ दूरी पर गाड़ी रोकी और उतरने के लिए कहा। रुपये छीन लिए और कार से जबरन धक्का दे दिया। मारपीट कर कार लेकर आरोपी भाग गए।
मजदूर इतने भयभीत हो गए कि दूसरी गाड़ी से भिंड चले गए। फिर अपने परिजनों को पूरी घटना बताई। दोपहर में यह लोग लौटकर ग्वालियर आए, इसके बाद पड़ाव थाने पहुंचकर एफआईआर दर्ज की। पूरे मामले पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का निरंजन शर्मा का कहना है कि मजदूर भाइयों के साथ ठगी करने वाले ठगों की तलाश की जा रही है। सीसीटीवी कैमरे के फुटेज देखे हैं, लेकिन कार का नंबर गलत निकला है। यह लोग जिस रूट पर भागे हैं, वहां के कैमरे देखे जा रहे हैं।