![MP News: पत्राचार के बावजूद नहीं उठाई खाद्यान्न सामग्री, दर्ज हो गई एफआईआर, अब हाईकोर्ट से मिली फौरी राहत Food Grains Not Picked Up After Correspondance, Go Green Officials Relief High Court](https://i0.wp.com/staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/03/15/jabalpur-high-court_1678901030.jpeg?resize=414%2C233&ssl=1)
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट
– फोटो : सोशल मीडिया
गो-ग्रीन के कार्यवाहक संचालक तथा सीईओ सहित दो अन्य अधिकारियों को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से आंशिक राहत मिली है। हाईकोर्ट जस्टिस एमएस भट्टी ने विभिन्न जिलों में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर पर किसी प्रकार की बलपूर्वक कार्यवाही पर रोक लगा दी है।
गो-ग्रीन वेयर हाउस प्राइवेट लिमिटेड के कार्यवाहक संचालक तथा सीईओ संतोष साहू, डिप्टी स्टेट हेड सौरभ मालवीय तथा कंसल्टेंट अखिलेश बिसेन की तरफ से याचिका दायर की गई थी। इसमें कहा गया था कि उनके खिलाफ प्रदेश के विभिन्न जिलों में एफआईआर दर्ज कराई गई है। याचिका में कहा गया है कि प्रदेश सरकार से समर्थन मूल्य में खरीदे गए खाद्यान्न के सुरक्षित भंडारण का ठेका लिया था। उनके द्वारा खाद्यान्न का भंडारण सुरक्षित स्थान पर किया गया था। मौसम में हुए परिवर्तन के कारण खाद्यान्न खराब होगा। उनकी कंपनी के भंडारित खाद्यान्न को उठाने के लिए प्रदेश सरकार के संबंधित विभाग से पत्राचार भी किया गया था।
खाद्यान्न की मात्रा में कमी को हेरा-फेरी बताकर उनके खिलाफ विभिन्न जिलों में एफआईआर दर्ज कराई गई है। याचिका में गृह मंत्रालय सहित रीवा, जबलपुर, बालाघाट, मंडला तथा डिंडौरी जिले के कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को अनावेदक बनाया गया था। याचिका की सुनवाई के बाद एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को उक्त राहत प्रदान की है। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अंकित सक्सेना ने पैरवी की।