
चंद्रयान 3 में रीवा के लाल तरुण सिंह ने निभाई है खास भूमिका
मिशन चंद्रयान-3 में विक्रम लैंडर ने सफलता पूर्वक चांद पर उतर कर इतिहास रच दिया है। समूचा विश्व अब ISRO के वैज्ञानिकों का लोहा मान रहा है। चंद्रयान-3 में विक्रम लैंडर के सफल लैंडिग से दुनिया भर के देश भारत को बधाई दे रहे हैं। दुनिया के सबसे बड़े मिशन चंद्रयान-3 में रीवा के एक लाल का कमाल भी शामिल है, जिसका नाम तरुण सिंह है। तरुण सीनियर साइंटिस्ट हैं जो कि ISRO में पदस्थ हैं। इनकी निगरानी में मिशन चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर में लगाया गया कैमरा डाटा कोड के जरिए चांद की तस्वीरें ISRO को भेजेगा।
रीवा के तरुण सिंह ने बढ़ाया प्रदेश का मान
रीवा के रहने वाले तरुण सिंह की उपलब्धि से पूरा विंध्य और रीवा खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। ISRO के सीनियर वैज्ञानिकों में से एक तरुण सिंह रीवा के छोटे से गांव इटौरा गढ़ के रहने वाले हैं। यहीं पर तरुण ने अपना बचपन बिताया और अब बड़े होकर ISRO में बतौर साइंटिस्ट अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
सैनिक स्कूल से की है पढ़ाई
तरुण सिंह के पिता दिलराज सिंह शिक्षक थे। तरुण सिंह आठ भाइयों में सातवें नंबर के हैं। उनके बड़े भाई शिक्षक विनोद सिंह ने तरुण की परवरिश की। तरुण सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही प्राप्त की। इसके बाद 12वीं तक की पढ़ाई सैनिक स्कूल रीवा से की। फिर इन्दौर SGSITS से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इंजीनियरिंग करने के बाद तरुण सिंह ISRO से जुड़े।
ISRO ने तरुण को सौंपी थी ये जिम्मेदारी
15 वर्ष पहले तरुण सिंह की ज्वाइनिंग तिरुवंतपुरम में हुई, लेकिन स्वास्थ्य कारणों के चलते उन्होंने अहमदाबाद में अपना तबादला कराया। पिछले चार वर्षों से अहमदाबाद में तरुण सिंह चंद्रयान-3 के मिशन में काम कर रहे थे। मिशन चंद्रयान-3 में ISRO ने तरुण सिंह को पेलोड क्वालिटी इंश्योरेंस की जिम्मेदारी सौंपी थी। मिशन चंद्रयान-3 के लैंडर पर लगाया गया कैमरा जो चंद्रमा की तस्वीरें खींच कर डाटा कोड के जरिए ISRO को भेजेगा। यह पूरा कार्य तरुण सिंह की निगरानी में होगा।
बड़े भाई ने की है परवरिश
तरुण के बड़े भाई शिक्षक विनोद सिंह ने तरुण की परवरिश की और और पढ़ा लिखाकर इस काबिल बनाया। मिशन चंद्रयान- 3 के विक्रम लैंडर ने बुधवार को जैसे ही चांद को छुआ और लैंडर में लगे कैमरे ने चांद के सतह की तस्वीरें भेजनी शुरू की, इसकी खबर लगते ही सीनियर साइंटिस्ट तरुण सिंह के बड़े भाई विनोद सिंह की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। छोटे भाई की इस उपलब्धि से बड़े भाई का सिर गर्व से ऊंचा हो गया। छोटे भाई की इस उपलब्धि के बारे में सुनकर बड़े भाई विनोद सिंह अब खुद को गौरवांवित महसूस कर रहे हैं।
दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बना भारत
बता दें, चांद पर पहुंचने और फिर चांद के डार्क साइड यानी कि दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिग करने वाला भारत अब विश्व का पहला देश बन गया है। मिशन चंद्रयान में बुधवार की शाम करीब 6:04 मिनट पर विक्रम लैंडर ने चांद की सतह पर सफलता पूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग की इसके बाद इसरो ने चंद्रमा पर उतरते समय चंद्रयान-3 में लगे लैंडर हॉरिजॉन्टल वेलोसिटी कैमरे द्वारा ली गई चंद्रमा की तस्वीरें जारी कीं। इसरो का कहना है कि Ch-3 लैंडर और MOX-ISTRAC, बेंगलुरु के बीच संचार लिंक स्थापित हो गया है।