इससे पहले इसरो ने मंगलवार को कहा था कि मिशन तय कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रहा है। सभी सिस्टमों की रेगुलर जांच की जा रही है। मिशन सही दिशा में काम कर रहा है। इसरो ने यह भी बताया था कि उसके टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) स्थित मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (एमओएक्स) में उत्साह का माहौल है।
…तो 27 अगस्त तक टल सकती है लैंडिंग
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इसरो के स्पेस ऐप्लिकेशन सेंटर के डायरेक्टर नीलेश देसाई बता चुके हैं कि 23 अगस्त को लैंडर मॉड्यूल के टेक्निकल स्टैंडर्ड ‘‘असामान्य” पाए गए, तो लैंडिंग को 27 अगस्त का टाला जा सकता है।
15 Minutes of terror क्या है? जानें
Chandrayaan-3 मिशन की सबसे बड़ी चुनौती आखिरी के 15 से 17 मिनट हैं। इसे 15 Minutes of terror कहा जाता है। रिपोर्टों के अनुसार, इस समय पर विक्रम लैंडर खुद ही अपने सफर को पूरा करता है। उसे ISRO से कोई कमांड नहीं मिलती। यानी विक्रम लैंडर को खुद सही वक्त, दूरी और फ्यूल के सही इस्तेमाल का आकलन करना होगा।
लैंडिंग से 150 मीटर पहले खुल जाएंगे कैमरे
इसरो के मुताबिक, विक्रम लैंडर को लैंडिंग की कमांड मिलते ही वह नीचे उतरना शुरू कर देगा। जब लैंडर 6.8 किलोमीटर की ऊंचाई पर होगा, तब सिर्फ 2 इंजनों का इस्तेमाल किया जाएगा। बाकी 2 को बंद कर दिया जाएगा। लैंडर जब 150 से 100 मीटर की ऊंचाई पर होगा, तब उसके सेंसर और कैमरे काम करने लगेंगे। वह देखेंगे कि साइट पर कोई परेशानी तो नहीं है। उसके बाद लैंडिंग पूरी की जाएगी।