चंद्रबाबू नायडू ने दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात की, लोकसभा चुनाव में आंध्र प्रदेश में बीजेपी-टीडीपी गठबंधन पर बातचीत

Chandrababu Naidu meets Amit Shah in Delhi, talks over BJP-TDP alliance in Andhra Pradesh in lok sabha polls

Chandrababu Naidu meets Amit Shah

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान नेताओं ने आंध्र प्रदेश में एक साथ होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भाजपा और टीडीपी के बीच गठबंधन की संभावना पर चर्चा की।

सूत्रों ने बताया कि दोनों पार्टियां गठबंधन के लिए तैयार हैं, लेकिन यह सीट-बंटवारे पर आपसी सहमति पर निर्भर करेगा। कुछ महीनों में दोनों नेताओं के बीच यह दूसरी बैठक है। इससे गठबंधन की संभावना को अधिक बल मिलता है।

टीडीपी नेता चाहते हैं कि जल्द से जल्द गठबंधन पर सहमति बने। उनका मानना है कि चुनाव का समय करीब आ गया है, इसलिए गठबंधन की घोषणा में देरी करने से फायदा नहीं होगी। दोनों दलों के बीच कोई भी मतभेद पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को भ्रमित करेगी।

अभिनेता और जन सेना पार्टी प्रमुख पवन कल्याण ने भी देर रात अमित शाह से मुलाकात की। जन सेना पार्टी एनडीए में शामिल है। आंध्र प्रदेश में पहले ही टीडीपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने का एलान कर चुकी है और चाहते है कि भाजपा और टीडीपी भी साथ आएं।

इससे पहले फरवरी में नायडू ने अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी, जिसके बाद से अटकलें लग रही हैं कि टीडीपी फिर से एनडीए गठबंधन में शामिल होने को तैयार है। हालांकि अब तक बातचीत का दौर जारी है। सूत्रों के मुताबिक, दोनों दलों में इस बात पर मतभेद है कि भाजपा कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, क्योंकि राज्य में उसका जनाधार नहीं है।

भाजपा 8-10 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छुक

आंध्र प्रदेश में लोकसभा की 25 सीटें और विधानसभा की 175 सीटें हैं। बताया जा रहा है कि भाजपा आठ से 10 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छुक है। टीडीपी के सूत्रों ने कहा कि गठबंधन होने पर भाजपा पांच से छह लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, जन सेना तीन और बाकी सीटों पर टीडीपी चुनाव लड़ सकती है।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी संसद में मोदी सरकार के एजेंडे का खुलकर समर्थन करते रहे हैं। साथ ही भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ उनके अच्छे व्यक्तिगत संबंध हैं। इस कारण टीपीडी के साथ गठबंधन करना भाजपा के लिए जटिल हो गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!