New dehli. एम्स दिल्ली (AIIMS, Delhi) में देश के कोने-कोने से लोग इलाज कराने आते हैं. यहां इलाज कराने आने वालों में ऐसे बहुत सारे मरीज और तीमारदार होते हैं, जो होटलों और गेस्ट हाउस (Rooms near AIIMS New Delhi) में रहने में समर्थ नहीं होते. ऐसे लोगों के सामने दिल्ली एम्स में दिखाने के साथ-साथ ठहरने की समस्या रहती है. खासकर बिहार, यूपी, झारखंड, एमपी, राजस्थान, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों के मरीज नई दिल्ली, आनंद विहार, पुरानी दिल्ली या हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशनों पर ट्रेन से बाहर निकलते ही अपने परिजनों को फोन लगा कर ठहरने के बारे में जानकारी लेने लगते हैं. ऐसे मरीजों और तीमारदारों को बताना चाहते हैं कि एम्स दिल्ली के अगल-बगल में कई धर्मशालाएं, विश्राम सदनें, गेस्ट हाउस के साथ-साथ कई टेंट और समय-समय पर अस्थाई सेंटर भी हैं, जो दूर-दराज से आए मरीजों को फ्री में ठहरने का बंदोबस्त तो करते ही हैं साथ ही खाना और दवा भी मुफ्त में देते हैं.
सबसे पहले बात करते हैं एम्स दिल्ली का राजगढ़िया विश्राम सदन, श्री सांई विश्राम सदन, सुरेका विश्राम सदन का जहां पर आप ओपीडी पर्ची पर डॉक्टरों से लिखवा कर कम से कम 14 दिन ठहर सकते हैं. यहां पर सिंगल रुम के साथ-साथ हॉल में बेड उपलब्ध हैं. एम्स के इन तीन विश्राम सदनों में सिंगल बेड का चार्ज 20 रुपये और डबल बेड वाले रूम का चार्ज 150 रुपये और तीन बेड वाले रूम का चार्ज 225 रुपये लिया जाता है. अगर आदमी ज्यादा हो जाता है तो प्रति आदमी 20 रुपये और लिया जाता है. एम्स के बिल्कुल सामने और सफदरजंग अस्पताल से सटे इस विश्रामालय में फिलहाल 249 मरीजों का रहने बंदोबस्त है, लेकिन अभी 300 मरीज रह रहे हैं. मरीजों के तीमारदार अलग से होते हैं. सुरेका विश्राम सदन को दोबारा से रेनोवेट किया जा रहा है. सुरेका विश्राम सदन में 216 मरीजों का रहने का बंदोबस्त है.
एम्स दिल्ली का राजगढ़िया विश्राम सदन, श्री सांई विश्राम सदन, सुरेका विश्राम सदन है.
एम्स दिल्ली के पास विश्राम सदनों की संख्या
इसी तरह एम्स ट्रामा सेंटर के पास भी एम्स दिल्ली का ही एक पावर ग्रीड नाम से एक और विश्राम सदन बना है, जिसमें मरीज और तीमारदार रह सकते हैं. पावर ग्रीड कारपोरेशन ने इस धर्मशाला का निर्माण कराया है. इसमें 400 मरीज और तीमारदार आराम से रह सकते हैं. पावर ग्रीड विश्राम सदन में सिंगल बेड के लिए मरीजों से 50 रुपये और एक कमरा के लिए 200 रुपये वसूला जाता है. इस पावर ग्रीड विश्राम सदन के नीचे कैंटीन भी है, जहां सब्सडाइज रेट पर मरीज और परिजन खाना खा सकते हैं.
एम्स के धर्मशाला में आप ऐसे रुकें
आपको बता दें कि एम्स ट्रामा सेंटर के पास ही सीआरपीएफ ने एक अस्थाई विश्राम सदन बना रखा है, जहां पर मरीज और उनके परिजन फ्री में रह सकते हैं. एम्स के विश्राम सदनों में ठहरने के लिए डॉक्टरों से लिखवाना जरूरी होता है. वगैर डॉक्टर के लिखे आप इन विश्राम सदनों में ठहर नहीं सकते हैं. राजगढ़िया, श्री सांई और सुरेका विश्राम सदनों में कुछ दिनों का वेटिंग भी रहता है. लेकिन, आप नाम और नंबर जब लिखावा देंगे तो मैनेजर आपको बेड या रूम खाली होने पर कॉल कर इसकी जानकारी देते हैं. इसके लिए कई एनजीओ भी मरीजों की मदद करती है.
एम्स के नजदीक गौतम नगर, युसूफ सराय के मंदिर वाली गली, सफदरजंग एनक्लेव और आईएनए मार्केट नजदीक है.
इन धर्मशालों में रहने के साथ-साथ खाना भी फ्री
इसी तरह सफदरजंग अस्पताल का भी एक धर्मशाला है, जहां पर मुफ्त में रहने के साथ-साथ खाने का भी उत्तम प्रबंध है. एम्स में जिन मरीजों को दिखाने में परेशानी होती है या जो मरीज एम्स में नहीं दिखा पाते हैं वह सफदरजंग में दिखा कर उसके धर्मशाला में ठहर सकते हैं. सफदरजंग का धर्मशाला एम्स ट्रामा सेंटर के बिल्कुल सामने है. यह सरोजनी नगर एरिया कहलाता है. यहां पर 65 मरीजों के साथ-साथ उनके एक-एक देखभाल करने वाले लोग ठहर सकते हैं.
एम्स दिल्ली से सटे इन एरिया में आप रुक सकते हैं
एम्स के नजदीक गौतम नगर, युसूफ सराय के मंदिर वाली गली, सफदरजंग एनक्लेव, आईएनए मार्केट, हौजखास और साउथ एक्स जैसे जगहों पर भी फ्री में रहने का कई तरह के बंदोबस्त हैं. कुछ मरीज खुशनसीब होते हैं, जिनको रहने का ठिकाना मिल जाता है. लेकिन, बहुत सारे ऐसे मरीज भी होते हैं, जिनको जानकारी के अभाव में इधर-उधर भटकना पड़ता है या फिर एम्स के आस-पास ही सड़क किनारे या मेट्रो अंडर पास के नजदीक चादर बिछा कर रात बितानी पड़ती है.
देश के सबसे बड़े और सबसे सस्ते अस्पताल दिल्ली एम्स में हर दिन हजारों मरीज इलाज कराने आते हैं. (फाइल फोटो)
देश के सबसे बड़े और सबसे सस्ते अस्पताल दिल्ली एम्स में हर दिन हजारों मरीज इलाज कराने आते हैं. एम्स दिल्ली में एक ही दिन में ओपीडी में दिखाना और सारे जांच करवाना संभव नहीं होता है. डॉक्टर अमूमन हर मरीज को तीन- चार दिन बाद ही बुलाते हैं. इन तीन-चार दिनों में ही मरीजों को अपनी जांच भी करवानी पड़ती होती है और दिखाना भी पड़ता है. ऐसे में एम्स के आस-पास कई ऐसे धर्मशालाएं, गेस्ट हाउस और अस्थाई टेंट वाले तंबू हैं, जहां पर मरीज और तीमारदार आधार कार्ड, डॉक्टर का पर्चा और मोबाइल नंबर दे कर दिन आराम से रह सकते हैं.