इन 5 पत्तियों को चबाने से ही रक्त शर्करा निकल आएगा बाहर, बढ़ जाएगा इंसुलिन का प्रोडक्शन, डायबिटीज होगा जड़ से खत्म

4 Leaves Reduced Blood Sugar:खराब लाइफस्टाइल डायबिटीज का कारण है. इस खराब लाइफस्टाइल के लिए अनहेल्दी फूड खाना, गलत तरीके से खाना और फिजिकल एक्टिविटी नहीं करना जिम्मेदार है. पर इन्हीं आदतों में सुधार कर डायबिटीज को जड़ से खत्म किया जा सकता है. अगर डायबिटीज प्री-डायबिटीज स्टेज में हैं तो कुछ देसी पत्तियों को चबाकर ही ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है. पहले इन पत्तियों से आयुर्वेद में इलाज किया जाता था लेकिन अब विज्ञान ने भी इसे साबित किया है. आइए जानते हैं कि कौन सी पत्तियों को चबाने से रक्त शर्करा का स्तर नहीं बढ़ेगा.

01

1.एलोवेरा के पत्ते- एनसीबीआई यानी अमेरिकी नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन की रिसर्च के मुताबिक एलोवेरा में हाइपोग्लासेमिक गुण होता है जो ब्लड शुगर को कम करता है. एलोवेरा के पत्तों को सुबह खाली पेट खाने से इंसुलिन का उत्पादन बढ़ सकता है.

02

2. शरीफा के पत्ते-(Annona squamosa)-शरीफा के पत्ते को चबाने से ब्लड शुगर एकदम घट जाएगा. प्री-डायबेटिक स्टेज में शरीफा के पत्ते को सुबह-सुबह रोजना चबाया जाए तो डायबिटीज जड़ से खत्म हो जाएगा. एनसीबीआई की रिसर्च में शरीफा के पत्तों में एंटी-डायबेटिक गुण को प्रमाणित किया गया है.  Image: Canva

03

3.नीम (Azadirachta indica)-नीम एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल होता है लेकिन इसके पत्ते से ब्लड शुगर को भी कंट्रोल किया जा सकताहै. एनसीबीआई की रिसर्च में कहा गया है कि नीम के पत्ते डायबिटीज को भी कंट्रोल कर सकते हैं. Image: Canva

04

4. आम-आम स्टोन फ्रूट है. भारतीय संस्कृति में आम का पेड़ बेहद पवित्र माना जाता है. इसकी पत्तियों को कलश के उपर पूजा-पाठ में चढ़ाया जाता है लेकिन इसकी पत्तियां औषधीय गुणों से भी भरपूर है. इसकी पत्तियों में 3 बीटा टेकेक्सारोल और इथाइल एसिलेट कंपाउड होता है हाइपरग्लेसिमिया को कंट्रोल करता है. Image: Canva

05

5. तुलसी-तुलसी का पौधा भी हर भारतीय के घरों की शोभा है. इसकी पत्तियां भी बेहद पवित्र होती है. तुलसी में कई औषधीय गुण हैं जिनमें यह एंटी-डायबेटिक भी होता है. तुलसी में हाइपोग्लेसीमिया गुण पाया जाता है जो ब्लड शुगर को नीचे ले आता है. Image: Canva

Print Friendly, PDF & Email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!